नए साल में नोफल वेल्फेयर संस्था करेगी शिक्षा के क्षेत्र में काम, तीन स्कूलों को लिया जायेगा गोद, डीडीयू प्रशासन से नहीं मिला लंगर की जगह खाली करने का कोई नोटिस

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शिमला राजधानी  के डीडीयू व आईजीएमसी अस्पताल में लंगर चलाने वाली नोफल वेलफेयर एंड चैरिटेबल सोसाइटी अब नए साल में लंगर के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान देने वाली है। संस्था नए वर्ष में दुर्गम इलाकों के तीन स्कूलों को गोद लेगी और बच्चों को मुफ्त में शिक्षा की सामग्री भी उपलब्ध करवाएगी। इसके अलावा बच्चों के लिए निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का भी अयोजन भी करेगी।
शिमला में आयोजित प्रैस वार्ता के दौरान यह बात नोफेल संस्था के अध्यक्ष गुरमित ने कहीं। उन्होंने कहा कि गरीबों की सहायता के लिए यह संस्था हमेशा ही आगे रही है। संस्था की तरफ से डी.डी.यू. व आई.जी.एम.सी. में लंगर चलाएं जा रहे हंै। जहां पर सैकड़ों गरीब लोग जो कि अस्पताल में अपना इलाज करवाने आते हैं उन्हें निशुल्क खाना दिया जाता है। गुरमित ने कहा कि उन्हें डी.डी.यू. में लगर खाली व बंद करने को लेकर कोई नोटिस नहीं आया है। प्रशासन की तरफ से जो नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है उसे ही पता चला है कि लंगर खाली करने को कहा गया है। गुरमित का कहना है कि जब तक नोटिस मेरे पास नहीं आता है तब तक लंगर को खाली नहीं किया जाएगा। अगर लंगर को बंद भी करना पड़ा तो इसमें कोई राजनीति नहीं की जाएगी। यह लंगर किसी वोट बैंक के लिए नहीं खोले गए है। यह सिर्फ गरीब लोगों के लिए खाले गए हैं। उन्होंने कहा के हिमाचल में कैंसर पीडि़तों के लिए पी.जी.आई. चंडीगढ़ में निशुल्क मैमोग्राफी की सुविधा दी गई है। मैमोग्राफी का कोई पैसा नहीं लिया जाता है। शिमला में गरीब बच्चों के लिए 20 दिसम्बर को एक स्कूल खोला गया है यह स्कूल उन लोगों के बच्चों के लिए है जो फीस देेने में असमर्थ है। इसके अलावा कोरोना काल में अस्पतालों में मरीजों को खाना, फ्रूट व अन्य  चीजे उपलब्ध करवाई है। नोफेल संस्था एक ऐसी संस्था है जो कि किसी से एक रूपए भी नहीं लेती है। वहीं संस्थाना की तरफ से महिलाओं को सीलाई मशीने भी प्रदान की जाएगी। ताकि महिलाएं सीलाई का काम कर सके।

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