-शिमलाहिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी कर्मचारियों वेतन विसंगतियों का संकट गहराता जा रहा है चालक परिचालकों के नाइट ड्यूज को लेकर कर्मचारी व प्रबंधन आमने-सामने है। एचआरटीसी चालक यूनियन संघ ने चेतावनी दी है कि कल सुबह से लॉन्ग रूट की बसें नहीं चलेगी और रात्रि सेवा भी बंद कर दी जाएगी और यह ऐसा तब तक चलता रहेगा जब तक प्रबंधन 1 महीने का एडवांस नाइट ड्यूज उनको नहीं देता है
दरअसल एचआरटीसी ड्राईवर यूनियन ने प्रबंधन व सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर 15 मई से पहले डिप्टी सीएम के साथ यूनियन की बैठक नहीं होती हैं तो फिर 15 मई से एडवांस पेमेंट पर ही रात्रि सेवाएं दी जाएगी। ऐसे में अब अभी तक यूनियन की डिप्टी सीएम मुकेश अग्रिहोत्री से मुलाकात नहीं हुई है। यूनियन के प्रांतीय प्रधान मानसिंह ठाकुर का कहना है कि सोमवार से ड्राईवर दिन को ही सेवाएं देंगे। रात्रि सेवाएं बंद कर दी जाएगी।
इसके साथ ही उन रूटों लांग रूट पर जाने वाली बसेें पर भी ड्राईवर नहीं जाएंगे। मान सिंह ठाकुर का कहना है कि शिमला से चंढीगढ़ रूट पर सुबह शिमला से बस चलती है और शाम को वापिस पहुंच जाती हैं, लेकिन जिस रूटों पर सुबह बस चलती और शाम तक अपने आखिर स्टेशन तक नहीं पहुंच पाती हैं, उन रूटों पर ड्राईवर नहीं चलेंगे। शिमला में दिल्ली, हरिद्वार, जम्मू जैसे रूट शामिल है। गौरतलब है कि एचआरटीसी ड्राईवर व कंडक्टर की 41 महीनों की राशि लंबित थी। इसमें से ड्राईवर व कंडक्टरों को 3 महीने की रािश का भुगतान कर दिया गया हैं जबिक 40 महीनों की राशि का भुगतान किया जाना बाकी है। ऐसे में यूनियन ने पहले 7 मई से एडवांस पेमेंट पर रात्रि सेवाओं पर जाने का ऐलान किया था। इस नोटिस पर एचआरटीसी प्रबंधन ने 9 मई को यूनियन के साथ वार्ता बुलाई थी, लेकिन इस वार्ता में यूनियन व प्रबंधन के बीच सहमति नहीं बन पाई थी। इस दौरान यूनियन ने फिर 15 मई का नोटिस दिया था। यूनियन का कहना था कि 15 मई से पहले डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के साथ उनकी बैठक करवाई जाए। इस दौरान व अपनी समस्याओं को रखेंगे। अभी तक यूनियन की डिप्टी सीएम से बैठक नहीं हुई है। ऐसे में अब यूनियन ने कल से रात्रि सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है या फिर एडवांस पेमेंट पर ही रात्रि सेवाएं होगी।
More Stories
आईजीएमसी में कोरोना से महिला की मौत
डॉ अनुपम झोबटा बनी आईआरआईए एचपी चैप्टर की अध्यक्ष
शिमला में एचआरटीसी बस की ब्रेक फेल बड़ा हादसा टला 60सवारियां थी सवार