सचिवालय क्लर्क का पेपर भी हुआ था लीक , विजिलेंस ने दर्ज की एफआईआर

शिमला, हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर की ओर से करवाई गई कई भर्तियां सवालों के घेरे में हैं। चयन आयोग द्वारा पूर्व भाजपा शासन में राज्य सचिवालय में क्‍लर्कों के 82 पदों की भर्ती के लिए ली गई परीक्षा में भी फर्जीबाड़ा सामने आया है। मामले की जब जांच की गई तो कर्मचारी चयन आयोग के पेपर लीक मामले की कड़ियाँ आगे जुड़ती चली गई और खुलासा हुआ कि पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल में सचिवालय क्लर्क (पोस्ट कोड-962) का पेपर भी लीक हुआ था। विजीलेंस ने शनिवार को इस मामले में ऊना निवासी एक ढाबा मालिक के खिलाफ धारा 420 और 120 बी के तहत एफआइआर दर्ज की हैं।  यह व्‍यक्ति हमीरपुर में ढाबा चलाता हैं।
विजीलेंस के एसपी राहुल नाथ ने बताया कि विजीलेंस के हमीरपुर पुलिस स्‍टेशन में ऊना के ढूंढला गांव के सोहन सिंह के खिलाफ यह एफआइआर दर्ज की है। सोहन सिंह का हमीरपुर के पक्‍का भरोह में भोजनालय है।
गौर हो कि सचिवालय में क्लर्कों के 82 पदों के लिए 24 मई 2022 को आवेदन मांगे गए थे  और 18 सितंबर को लिखित परीक्षा हुई थी। इसके बाद 21 अक्‍तूबर को लिखित परीक्षा का परिणाम निकाल दिया गया था।
विजीलेंस के मुताबिक 18 सितंबर को आयोजित लिखित परीक्षा में 57 हजार 710 परीक्षार्थी  बैठे थे व
33,241 अनुपस्थित रहे। 897 युवाओं ने परीक्षा पास की थी।इसके बाद 265 युवाओं को टाइपिंग टेस्‍ट के लिए बुलाया गया था। इसके बाद 82 चयनित युवाओं की सूची तैयार कर ली गई थी। हालांकि अभी तक चयनित युवाओं को ज्‍वाइंनिंग लेटर नहीं दिया गया था।
इस मामले में शनिवार को विजीलेंस ने एफआइआर दर्ज कर ली हैं। हालांकि आरोपी को अभी गिरफतार नहीं किया गया हैं।  विजिलेंस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में भी पैसों का लेनदेन हुआ है। सोहन सिंह को इससे पहले भी पेपर लीक मामले में गिरफतार किया जा चुका हैं।
बता दें कि बीते साल 23 दिसंबर को जूनियर ऑफिस असिस्टेंट का पेपर लीक होने के बाद राज्य की सुखविन्दर सिंह सुक्खू सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग के कामकाज को निलंबित कर दिया था। बाद में विभागीय जांच व विजिलेंस की रिपोर्ट में पिछले 3 सालों में अनियमितताओ का खुलासा होने के बाद आयोग को भंग कर दिया गया।
सरकार ने नए आयोग के गठन तक हिमाचल लोक सेवा आयोग को सभी भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

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