शिमला: हिमाचल प्रदेश कंप्यूटर शिक्षकों ने मांगो को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।स्थाई नीति की मांग को लेकर बुधवार को कंप्यूटर शिक्षकों ने सड़कों पर उतरकर मांगों को लेकर उपायुक्त कार्यालय के समीप प्रदर्शन किया।कप्यूटर शिक्षक संघ का कहना है कि सरकार उनकी अनदेखी कर रही है, 196 बार सरकार को ज्ञापन सौंपने के बाद भी किसी प्रकार जा नीति निर्माण नही किया गया है। जिससे कंप्यूटर शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है।
शिमला में कंप्यूटर एसोसिएशन की संयोजक अंजू शर्मा ने कहा कि सरकार ने हर वर्ग के लिए पालिसी बनाई है। प्रदेश में 1341 कंप्यूटर शिक्षक 20 वर्षों से अधिक समय से सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने उनके लिए कारगर नीति नहीं बनाई है। उनका लगातार शोषण किया जा रहा है। उन्होंंने कहा कि हाई कोर्ट ने वर्ष 2014 में कंप्यूटर शिक्षकों के हित में पालिसी बनाने का निर्णय सुनाया था, लेकिन उस समय कांग्रेस सरकार इसे लागू नहीं कर पाई और अब भाजपा सरकार ने भी इसे लागू नहीं किया है।
उनका कहना है कि प्रदेश भर के स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक लगभग 90 हजार स्टूडेंट्स को आईटी शिक्षा दे रहे हैं। भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कंप्यूटर शिक्षक लंबे समय से नीति बनाकर शिक्षा विभाग में मर्ज करने की मांग कर रहे हैं।यहां तक कि सरकार को 196 मर्तबा ज्ञापन भी सौंपे जा चुके हैं।
पॉलिसी नहीं बना सकते तो सैलरी तो बढ़ाएं सरकार:
हिमाचल कंप्यूटर टीचर एसोसिएशन का कहना है कि अगर सरकार उनके लिए पॉलिसी नहीं बना सकती है तो कम से कम उनका वेतन तो बढ़ाया जाए। क्योंकि कम वेतन में गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। कंप्यूटर शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार ने कंप्यूटर शिक्षकों के हित में अगर कोई निर्णय नहीं लिया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होंगे।
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