अडाणी एग्री फ्रेश ने दो दिन में 2000 टन सेब खरीदे

शिमला।, शिमला: हिमाचल प्रदेश में सेब खरीदने वाली निजी कंपनियों के खिलाफ फैलाई जा रही अफवाहें फिर गलत साबित हुई हैं। खराब मौसम के बावजूद अडानी एग्री फ्रेश ने सिर्फ दो दिनों में 2000 टन सेब खरीदें हैं और प्रोक्योरमेंट सेण्टर के बाहर किसानों की लम्बी कतारों को देखते हुए उन्हें हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराने की तैयारी शुरू कर दी है।

उल्लेखनीय है की अडाणी एग्री फ्रेश ने 15 अगस्त से सेब खरीदने का वार्षिक कार्यक्रम शुरू किया है और पिछले साल के मुकाबले में इस साल चार रूपए ज्यादा से खरीदी सीजन की शुरुआत की है। ये कीमतें मंडियों द्वारा तय किये गए मूल्य से तो ज्यादा हैं ही, साथ ही कई तरह की अतिरिक्त सुविधाओं की वजह से सेब किसानों के बीच निजी कंपनियों की लोकप्रियता भी बढ़ी है।

“हम पिछले करीब 15 साल से अडाणी एग्री फ्रेश को ही अपने सेब बेचते आये हैं। यहाँ हमें कीमत तो अच्छी मिलती ही है, साथ में क्रेट इत्यादि की सुविधा भी दी जाती है। साल-दर-साल के सम्बन्ध के चलते हमारी सेब की पैदावार भी अच्छी होनी लगी है और हमारी आमदनी में भी इज़ाफ़ा होता रहा है,” अडानी एग्री फ्रेश के रामपुर प्रोक्योरमेंट सेण्टर के बाहर गोपाल ठाकुर ने बताया। ठाकुर रामपुर में ही सेब की बाग़बानी करते हैं और पिछले दो दिनों में 200 किलो सेब अडाणी एग्री फ्रेश को बेच चुके हैं।

बुधवार को मौसम खराब होने के बाद भी अडाणी एग्री फ्रेश के तीन प्रोक्योरमेंट सेण्टर – रामपुर, रोहरु और सैंज – में किसानों की लम्बी कतार देखी गयी।

व्यवस्था बनाये रखने और सुचारु रूप से सेब खरीदने की प्रक्रिया को चलाने के लिए कंपनी ने कुछ अतिरिक्त इंतज़ाम भी किये हैं ताकि अपनी बारी का इंतज़ार करते हुए किसानों को खुले में ना रहना पड़े।

“इन में से कई किसानों से हमारा वर्षों पुराना सम्बन्ध है। हर साल हज़ारों की संख्या में नए बाग़बान हमसे जुड़ते रहते हैं। हमारे यहाँ बड़े या छोटे बागबानों में कोई भेद नहीं किया जाता है और सबको उचित मूल्य दिया जाता है। हमारे सेंटरों में खरीदी की दौरान किसानों के रुकने इत्यादि की व्यवस्था भी होती है हर काम को सुचारु रूप से किया जाता है,” अडानी एग्री फ्रेश के एक कर्मचारी ने बताया।

वहीँ सैंज में भी किसानों ने अडाणी एग्री फ्रेश द्वारा तय किये गए मूल्यों की सराहना की। “इस साल हमारी बम्पर पैदवार हुई है तो इस मूल्य के आधार पर हमारी कुल आमदनी पहले से अच्छी ही होगी। सरकार द्वारा मूल्य तय करने के लिए कुछ बातें हुई थी लेकिन अभी तक उनका कोई परिणाम नहीं निकला है। इस साल हमारी फसल जल्दी तैयार हो गयी थी इसलिए हम उसका इंतज़ार कर पाने की स्थिति में नहीं है। अडाणी एग्री फ्रेश की तरह ही बाकी निजी कंपनियों की अपनी फसल बेच कर हमें हर साल ज्यादा मुनाफा मिलता है,” सैंज के एक बाग़बान नरवीर सिंह ठाकुर ने बताया।

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