शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य विकलांगता सलाहकार बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य और उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा है कि गुरुवार को पंथाघाटी स्थित केंद्र में सी-टेट परीक्षा में बैठने से एक दृष्टिबाधित युवा रविकांत को गैरकानूनी ढंग से रोक दिया गया। पंथाघाटी स्थित परीक्षा केंद्र में उसके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया। परीक्षा केंद्र ने सीबीएसई के स्पष्ट दिशा निर्देशों को मानने से भी इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि मंडी के रहने वाले दृष्टिबाधित रविकान्त की विकलांगता 50% है। परीक्षा में लिखने के लिए उसे राइटर की आवश्यकता होती है।
गुरुवार को पंथाघटी में मैक डिजिटल विजन नामक परीक्षा केंद्र में उससे कहा गया कि वह एक क्लास जूनियर राइटर लाए।
जबकि सीबीएसई की वेबसाइट में स्पष्ट लिखा है कि दृष्टिबाधित एवं हाथ से लिखने में असमर्थ उम्मीदवारों के लिए 26 फरवरी 2013 की भारत सरकार की गाइडलाइंस ही मान्य होंगी। इन गाइडलाइंस के अनुसार पात्र दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कोई भी राइटर बन सकता। राइटर की शैक्षणिक योग्यता कि कोई शर्त नहीं लगाई जाएगी। रविकांत की राइटर की शैक्षिक योग्यता उसके ही बराबर थी।
उन्होंने बताया, “रविकांत से जानकारी मिलने पर मैंने स्वयं परीक्षा केंद्र के लैंडलाइन नंबर पर कई बार फोन किया। लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। रविकान्त और उसके साथ गई राइटर ने परीक्षा ड्यूटी वाले शिक्षकों से मेरी बात कराने का प्रयास किया। मगर उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया। यही नहीं, दृष्टिबाधित युवा को दुर्व्यवहार कर वहां से भगा दिया गया।”
प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यह दृष्टिबाधित व्यक्तियों के अधिकारों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे ताकि भविष्य में अन्य दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन से खिलवाड़ न हो सके।
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