समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की अनुभूति से भारत बनेगा विश्वगुरूः अशोक कपिल

शिमला। विजयदशमी पथ संचलन कार्यक्रम उद्बोधन में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शिमला के विभाग कार्यवाह अशोक कपिल ने डॉ0 हेडगेवार के राष्ट्र चिंतन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिस प्रकार विवेकानंद को रामकृष्ण परमहंस से मिलने के बाद ही ईश्वर की अनुभूति हुई उसी प्रकार डॉ0 हेडगेवार कहते थे कि शाखा में ही प्रत्येक स्वयंसेवक को राष्ट्र की परिकल्पना से गर्व की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि देश में कुछ लोग कहते हैं कि भारत को जल्द से जल्द हिन्दु राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए। लेकिन राष्ट्र किसी भी देश की सांस्कृतिक अनुभूति है यह घोषणा का विषय नहीं है। भारत पूर्वकाल से ही हिन्दु राष्ट्र रहा है और रहेगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विजयदशमी के अपने स्थापना दिवस पर राजधानी में अनेक स्थानों पर नगरशः पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रामकृष्ण मिशन शिमला इकाई के सचिव तन्मयानंद उपस्थित रहे। शिमला में पथ संचलन गंज बाजार से लोअर बाजार होते हुए जिलाधीश कार्यालय पहुंचा। वहां से शेरे ए पंजाब होकर वापिस गंज बाजार में इसका समापन हो गया। कदमताल करते स्वयंसेवकों पर अनेक स्थानों पर स्थानीय लोगों ने पुष्पवर्षा भी की। शिमला में पथ संचलन से पूर्व शस्त्र पूजन का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता ने डॉ0 हेडगेवार के तीन सूत्रों के बारे में विस्तार से बताया जोकि राष्ट्र की अनुभूति के लिए  नितांत आवश्यक है। पहला सूत्र है कि भारत हिन्दु राष्ट्र है और इसकी सांस्कृतिक विरासत में ही हिन्दुत्व का तत्व है। दूसरा विश्व में राष्ट्रगौरव अर्जित करने के लिए शक्ति की आवश्यकता होती है। उन्होंने इसके लिए इजरायल का जिक्र करते हुए कहा वहां के लोग सांस्कृतिक रूप से एक सूत्र में बंधे थे उनको यहूदी कहा जाता था। लेकिन उनके पास 1800 सालों तक न तो भूमि थी और न ही कोई राष्ट्र। लेकिन विश्वभर में फैले यहुदी सांस्कृतिक रूप से एक हो गये और 1948 में विश्व के देशों ने माना कि इजरायल एक स्वतन्त्र देश है। हेडगेवार जी का तीसरा सूत्र था संगठन का निर्माण। जिसके लिए 1925 में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नामक संगठन बनाया। जिसको निर्मित हुए आज 100 वर्ष पूरे होने वाले हैं ऐसे में संघ की संगठन शक्ति के परिणाम आने शुरू हो गये हैं। अयोध्या में राममंदिर की किसी को कल्पना नहीं थी 1980 के दशक में संघ ने इस आंदोलन को प्रारम्भ किया और आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने जा रहा है।
इसी प्रकार धारा 370 हटाने का विषय हो या फिर 2010 का रामसेतू का विषय संगठन की शक्ति की अनुभूति सबको होने लगी है। रामकृष्ण मिशन संचालक तन्मयानन्द ने भारत के गौरव के गौरव के बारे में स्वयंसेवकों को विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिमला जिला के संघचालक अजयसूद ने की। पथ संचलन में 200 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। राजधानी में नगरशः केशवनगर, माधवनगर, न्याशिमला नगर, कमलानगर, संजौली नगर और तिलकनगर इन नगरों पर पथ संचलन किया।

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