शिमला। वेतन न मिलने को लेकर सुरक्षा कर्मियों ने आईजीएमसी प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सुरक्षा कर्मियों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर सुरक्षा कर्मियों को वेतन नहीं दिया गया तो आंदोलन किया जाएगा। आईजीएमसी सुरक्षा कर्मियों के प्रधान बबलू ने कहा कि एक प्रशासनिक अधिकारी जिसका नाम डॉ. अमन है उन्होंने दो सुरक्षा कर्मियों का वेतन रोक दिया है। जिन दो सुरक्षा कर्मियों का वेतन रोका है वह दोनों मेडिकल लीव पर चले हुए थे। इनमें एक सुरक्षा कर्मियों को गाड़ी से टक्कर मारी थी और दूसरा आपदा के दौरान गिर गया था। आईजीएमसी में जितने भी सुरक्षा कर्मी काम कर रहे हैं वह सब इनके पक्ष में सड़कों पर उतरेंगे और विरोध करेंगे। बबलू का आरोप है कि इससे पहले भी डॉ. अमन ने सुरक्षा कर्मियों को काफी ज्यादा प्रताड़ित किया है। वह बार बार धमकी देते है कि सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से निकाल देंगे। अभी भी कई सुरक्षा कर्मियों के साथ बतमीजी से बात करते है। रोजाना सुरक्षा कर्मियों को प्रताड़ित किया जा रहा है ऐसे में सुरक्षा कर्मियों को काम करना मुश्किल हो गया है। इससे पहले भी डॉ. अमन की शिकायत मुख्यमंत्री तक की जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाही नहीं की गई है। सुरक्षा कर्मियों ने सरकार से मांग की है कि पहले तो दो सुरक्षा कर्मियों को वेतन दिया जाए उसके बाद डॉ. अमन को पद से हटाया जाए। अगर यह कुछ नहीं होता है तो सुरक्षा कर्मी बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेबारी सरकार व प्रशासन की होगी। आईजीएमसी व केएनएच में 192 सुरक्षा कर्मी काम कर रहे हैं। सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि अब अधिकारी द्वारा यह भी धमकी दी जा रही है कि अब शीघ्र ही सिक्योरिटी का टेंडर होने वाला है और पुराने सुरक्षा कर्मियों का बाहर निकाला जाएगा और उनकी जगह पर नए सुरक्षा कर्मी रखे जाएंगे। सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि अगर पुराने सुरक्षा कर्मियों को हटा दिया तो वह बेरोजगार हो जाएंगे। सुरक्षा कर्मियों ने सरकार से मांग की है कि इस मामले को लेकर जांच की जाए।
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