शिमला।राजधानी शिमला में बुधवार को कृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई गई ।कृष्ण मंदिर में शाम होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी। भक्त लंबी कतारों में लग कर पूजा अर्चना करते रहे। इस बार कृष्ण जन्मआष्ट्मी को लेकर बच्चो में बड़ा उत्साह देखा गया।बच्चे अपने परिजन के साथ रात को भी मंदिर मे पहुंचे और भगवान कृष्ण के जयकारे लगाते रहे।
संजौली स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में इस बार भी प्रतिवर्ष की तरह कृष्ण जन्मआष्ट्मी के लिए विशेष तैयारी की गई थी ,पहले सुबह सोभा यात्रा निकाली गयी उसके बाद मंदिर में भजन कीर्तन शुरू हुआ। इस दौरान महिलाओं ,बच्चो ओर बृद्ध लोगो ने मंदिर में जा कर विशेष पूजा की। शाम को 7 बजे से ही मंदिरों में विशेष भजन कीर्तन शुरू हो गया था नो रात 12 बजे तक जारी रहा। ।वही मुख्य कृष्ण मंदिर गंज बाजार में शाम होते ही शहर के भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी ।मंदिर प्रशासन की तरफ से मंदिर आने वाले भक्तों के लिए विशेष ब्यवस्था की गई थी। रात के समय मंदिर में भक्तो ने नाच गा कर जन्माष्टमी का पर्व मनाया।
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शहर के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा श्रद्धालु सुबह से ही लंबी कारों में लगकर कृष्ण मंदिर में पूजा अर्चना करते रहे और भजन कीर्तन गाते रहे जन्माष्टमी के उपलक्ष पर मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया था मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए भी व्यवस्था की गई थी जिस किसी भी श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो मुख्य पूजा रात 11:45 बजे से 12:00 तक की गयी रात 12:00 बजे भगवान श्री कृष्ण के जन्म के साथ विशेष पूजा अर्चना की हुई श्रद्धालुओं ने व्रत रखा है और भगवान कृष्ण के मंदिर में शीश नवा कर व्रत खोला ।
जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने माता देवकी के गर्भ से पृथ्वी पर जन्म लिया था. यही कारण है कि हर साल इस दिन भक्त श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं.
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