कैंसर को मात देने के लिए देश-विदेश आए विशेषज्ञों के बीच हुआ मंथन   हिमाचल से अब दूसरे राज्य में उपचार करवाने नहीं जाएंगे कैंसर पीडि़त

शिमला, शिमला में देश-विदेश आए विशेषज्ञों के बीच कैंसर की बीमारी को मात देने के लिए मंथन हुआ। सबसे बड़ी बात यह है कि अब हिमाचल से कैंसर पीडि़त दूसरे राज्य में कैंसर का उपचार करवाने नहीं जाएंगे। दिसंबर माह में प्रदेश के एकमात्र कैंसर अस्पताल शिमला में 32 करोड़ की लागत से लिनियर एक्सीलेटर व सी.टी. साइमोलेटर मशीन स्थापित होगी। जिससे कैंसर की बीमारी का आसानी से पता लगाया जाएगा। कैंसर अस्पताल शिमला के एच.ओ.डी. डा. मनीष ने शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि हिमाचल में अब कैंसर के मरीजों को बेहतरीन सुविधा मिलेंगी। प्रदेश में प्रति वर्ष 3 से 6 हजार के बीच नए कैंसर रोगी अस्पताल पहुंच रहे है। इनमें 3 हजार आई.जी.एम.सी., 1 से डेढ टांडा, 500 मंडी व 2500 के आसपस ऐसे मरीज है जो हिमाचल से बाहर अपना उपचार करवाने जाते है। शिमला में दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हो गया है। इसमें देश विदेश के 82 डॉक्टर पहुंचे। विदेश से आए डॉक्टर शिमला के डॉक्टर को यह  जानकारी दे रहे है कि जो दो मशीनें स्थापति होनी से उससे कैंसर का पता कैसे लगाया जाना है। इनमें 56 विशेषज्ञ तो वह है जो 2006 से अब तक शिमला से ही पी.जी. कर चुके हैं और देश विदेश में सेवाएं दे रहे हैं। डा. मनीष ने कहा कि लीनियर एक्सीलिटर मशीन से सीधे कैंसर ट्यूमर वाले हिस्से पर रेडिएशन डाला जाता है, जो दूसरे सेल को खत्म करने के बजाए केवल कैंसर सेल को खत्म करता है। इसमें दूसरी मशीनों के मुकाबले ज्यादा रेडिएशन निकलता है। इसी कारण इसे चलाने के दौरान रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का होना जरूरी है। कार्यशाला में डा. कनिका शर्मा जो की दिल्ली में नारायण अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में विकिरण ऑन्कोलॉजी विभाग में निदेशक है, डा. मुनींद्र कुमार एम्स बिलासपुर में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख है, डॉ. विकास फोतेदार प्रोफेसर रेडिएशन ऑन्कोलॉजी आई.जी.एम.सी. शिमला। डा. आर.आर नेगी, विभागाध्यक्ष विकिरण ऑन्कोलॉजी एस.एल.बी.एस.एम.सी. मंडी में है, डा. अमन शर्मा एम्स झाझर में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत है, डा. तपेश भट्टाचार्य टाटा मेमोरियल सेंटर टी.एम.सी. कोलकोता में कार्यरत है, डा. प्रज्ञात ठाकुर टी.एम.सी. मुल्लांपुर में कार्यरत है, डा. रोहित महाजन एम्स भटिंडा में कार्यरत है व डा. श्रीनिवास पी.जी.आई.एम.ई.आर. चंडीगढ़ में कार्यरत है व  आर.जी.सी.आई. दिल्ली में डा. ऋ चा कौंडल आदि विशेष रूप से मौजूद रहेेंगे।

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