आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर शिमला में ठगी आवाज बदल कर किया फोन, दोस्त बीमार है का बहाना बताकर की ठगी

 

शिमला।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर साइबर जालसाजी का नया मामला सामने आया है। साइबर जालसाज ने शहर में एक व्यक्ति को फोन किया। आवाज बदल कर मदद के नाम पर पैसे मांगे। जालसाजों के झांसे में आकर व्यक्ति ने पैसे दे दिए। मामला छोटा शिमला थाना में दर्ज हुआ है। पुलिस को दी शिकायत में संजय निवासी ज्योति निवास नियर शिवालिक पब्लिक स्कूल सरघीण पंथाघाटी ने कहा कि उनका स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की न्यू शिमला शाखा में बैंक खाता है। इसका नंबर 20066094507 है। बीते 24 जुलाई को उनके मोबाइल नंबर पर फोन आया। फोन करने वाले ने रिश्तेदार का नाम बताया। आवाज जानी पहचानी होने के बाद काफी देर तक बात की। फोन करने वाले ने कहा कि उनका दोस्त काफी बीमार है। उसकी हालत काफी गंभीर है। गुगल पे के जरिए कुछ पैसे भेजे। अंकल के कहे अनुसार उसने पहले 50 हजार रुपए गुगल पे के जरिए भेजे। इसके बाद 1,50,000 बैंक पेमेंट के जरिए भेजे। कुल 2 लाख रुपए का भुगतान किया। अब पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बैंक से भी इसका पूरा रिकार्ड मांगा है। वहीं जिस नंबर से कॉल आई थी उसे भी ट्रेस किया जा रहा है। ऐसे होती है ठगी
ऑनलाइन ठगी में अब शातिरों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर अब साइबर जालसाजी हो रही है। एआई तकनीक से दोस्त, रिश्तेदार की आवाज बदलकर साइबर जालसाज फोन कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। अगर आपके पास भी कोई सगा संबंधी बनकर फोन कर मदद के नाम पर पैसे मांगे तो सावधानी से काम लें।

अभी तक इंटरनेट मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल, ओटीपी समेत अन्य तरीकों से ठगी हो रही थी, लेकिन अब जालसाज एआई की वॉयस क्लोनिंग टूल की मदद ले रहे हैं। यह टूल आपकी आवाज इतने सलीके से नकल करता है कि अपनी व टूल की आवाज में अंतर नहीं कर पाएंगे। इसके लिए साइबर क्रिमिनल सबसे पहले किसी शख्स को ठगी के लिए चुनते हैं। इसके बाद उसकी सोशल मीडिया प्रोफाइल को देखते हैं और उसकी किसी ऑडियो व वीडियो को अपने पास रख लेते हैं। एआई की वॉयस क्लोनिंग टूल की मदद से उसकी आवाज क्लोन करते हैं। फिर उनके परिचित को उसकी आवाज में फोन कर बताया जाता है कि उनका एक्सिडेंट हो गया है या कोई भी इमरजेंसी स्थिति बताकर ठगी की जा रही है।ठगी से बचाव के लिए करें यह उपाय
अलग-अलग अकाउंट का अलग-अलग पासवर्ड रखें, एक-जैसे पासवर्ड बनाने से बचें।

यदि दोस्त या सगे-संबंधी की आवाज में पैसे के लिए फोन आए तो एक बार खुद फोन करके कंफर्म कर लें ।
साइबर फ्रॉड के शिकार होने पर पुलिस को फोन करें।

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