October 4, 2024

शिमला में एक डॉ ने की आत्महत्या

शिमला।जिले मे आत्महत्या के मामले थम नही रहे है। आये दिन आत्महत्या के मामले।सामने आ रहे है। ताजा मामले में
राजधानी शिमला के मशहूर होम्योपैथी डॉक्टर सुरेंद्र ने आज अपने आवास पर फंदा लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली है।प्राप्त जानकारी के अनुसार सदर थाना के तहत पड़ने वाले कृष्णनगर में आत्महत्या का मामला सामने आया है। पुलिस से प्राप्त सूचना के अनुसार
 शुक्रवार करीब 5:15 बजे शाम डॉक्टर सुरेन्द्र पुत्र स्वर्गीय जगत सिंह निवासी हाउस नम्बर 113/1  नजदीक गुरुद्वारा कृष्णा नगर शिमला ने अपने घर के अन्दर दरवाजे के वेंटीलेटर में ढाड़ी का पटका बांध कर फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी है।
शव को पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम के लिए IGMC ले जाया गया है पोस्टमार्टम  कल यानि शनिवार को किया जाएगा। पुलिस द्वारा आगामी कार्रवाही अमल में लाई जा रही है।
5 महिनों में 32 ने की आत्महत्या
जिला शिमला में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। पिछले पांच महीनों में 32 लोगों ने आत्महत्या की है। आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर युवा शामिल हैं। युवा वर्ग में ज्यादा आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति चिंताजनक है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार जनवरी से अप्रैल तक 32 लोगों ने आत्महत्याएं की हैं। इनमें 23 पुरुष व नौ महिलाएं व युवतियां भी शामिल हैं।
जनवरी में 11 आत्महत्या के मामले सामने आए, जिनमें सात पुरुषों और चार महिलाओं, फरवरी में छह मामलों में चार पुरुषों और दो महिलाओं, मार्च में छह मामलों में चार पुरुषों और दो महिलाओं तथा अप्रैल में भी छह मामलों में पांच पुरुषों व एक महिला ने आत्महत्या की। आत्महत्या के मामले बढ़ने काफी चिंता का विषय भी हैं। शिमला में जी जून व जुलाई महीने में 4 मामले आत्महत्या के सामने आ चुके हैं।
लक्षण दिखने पर करवानी चाहिए काउंसलिंग
मनोचिकित्सक की मानें तो आत्महत्या के कई कारण हैं। इनमें मानसिक तनाव, दबाव या अन्य कारण हैं। इसमें लोग आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं। जो आत्महत्या करते हैं उनमें कुछ दिन पहले ही लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ऐसी स्थिति में स्वजन, दोस्त या परिवार के अन्य सदस्यों को चाहिए कि वे समय पर ऐसे व्यक्ति को इलाज व काउंसलिंग के लिए डाक्टर के पास ले जाएं।बाय-बाय शिमला का स्टेट्स डाल किया था सुसाइड
22 फरवरी को कुफ्टाधार में 24 साल के युवक ने आत्महत्या की थी। मृतक की पहचान रोहित के तौर पर की गई थी जो सिरमौर जिला के शिलाई का रहने वाला था। यह एमए की पढ़ाई कर रहा था। सुसाइड से एक दिन पहले उसने अपने फेसबुक पेज पर स्टेट्स डाला था बाय-बाय शिमला। वह शिमला में पढ़ाई के साथ पार्टटाइम जाब भी करता था।
ये है कानूनी प्रक्रिया
आत्महत्या के मामले में पुलिस 174 के तहत दर्ज करती है केस आत्महत्या के मामले में पहले पुलिस 174 सीआरपीसी के तहत मामला दर्ज करती है। यदि परिवार का कोई सदस्य आत्महत्या में किसी तरह के शक की आशंका जताता है तभी अन्य पहलुओं से भी जांच की जाती है। कई मामलों में यह भी सामने आया है कि दबाव के चलते आत्महत्याएं की गई हैं। पुलिस मामले की गहराई से जांच करती है।आत्महत्या के मामले बढ़ना चिंता का विषय

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