September 7, 2024

 सौरभ की पहल से किसानों के घरों में सीधे पहुचेंगे  पर्यटक

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शिमला:अभीतक ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटकों की पहुंच होमस्टे से माध्यम से हो रही है। किसी भी स्थान का कोई भी पर्यटक होमस्टे की आॅनलाइन बुकिंग के माध्यम से प्रदेश की सैरगाहों तक पहुंचता है। राज्य में इस समय करीब 5 हजार होमस्टे पंजीकृत होने की जानकारी है अब गांव के किसानों को पर्यटन से जोड़ने के लिए मुंबई के सौरभ कृष्णा ने एक अनोखी पहल की है। इस पहल के तहत पर्यटक हिमाचल के ग्रामीण परिवेश में पहंुचेंगे जहां पर हिमाचल प्रदेश की प्राचीन संस्कृति को निकट से देख सकेंगे। सौरभकृष्णा की योजना के दो हिस्से हैं जिनमें पहला है कि प्रदेश के गांवों को अंतराष्ट्रीय पहचान दिलाना जिसमें यहां की संस्कृति के विविध पहलुओं का अध्ययन करके उस पर कार्ययोजना क्रियान्वित करना। दूसरा है प्रदेश के स्थानीय स्तर पर पैदा होने वाले उत्पादों को विश्वस्तर पर पहुंचाना। जिसके लिए इन्होंने एक बसंतपुर शिमला के एक स्थानीय उद्यमी के साथ मिलकर एक कंपनी खोली है। इस कंपनी के माध्यम से स्थानीय स्तर पर इन्होंने उत्पादों को किसानों से लेकर राष्ट्रीय बाजारों तक पहंुचाने के लिए प्रयास प्रारम्भ कर दिये हैं।
महाराष्ट्र और बिहार सरकार के साथ भी कर चुके हैं काम
महाराष्ट्र और बिहार सरकार के साथ काम करने के बाद सौरभकृष्णा अब हिमाचल में काम करने के इच्छुक हैं। उनका कहना है कि हिमाचल में ग्रामीण पर्यटन और कृषि के क्षेत्र में अपार संभावनायें हैं ऐसे में वह हिमाचल मंे काम करने के इच्छुक हैं। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार यदि उनको मौका प्रदान करे तो वह इस क्षेत्र में बहुत कुछ कर सकते हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि किसानों को पर्यटन से जोड़ने और पर्यटन गतिविधियों का आर्थिक लाभ पहंुचाने के लिए सहयोग दें। इस सम्बन्ध में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्य सचिव रामसुभाग सिंह को पत्र लिखा है।
प्रतिवर्ष 10 हजार युवाओं को मिल सकता है रोजगार
सौरभकृष्णा का दावा है कि यदि सरकार ने उनको अवसर प्रदान किया तो उनकी कंपनी प्रतिवर्ष 10 हजार के करीब  हिमाचल के युवाओं को रोजगार के अच्छे अवसर प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने युवाओं को ट्रैनिंग से लेकर उनको व्यवसायिक तौर पर तैयार करने के लिए ब्लूप्रिंट तैयार किया है।
ये है सौरभ कृष्णा की योजना का प्रारूप
किसानों के उत्पादों को लेकर उनको उच्चस्तरीय बाजारों तक भेजना सुनिश्चित करना। किसानों को समूहों में जोड़कर व्यवसायिक गतिविधियों का विस्तार करना। ग्रामीण पर्यटन के साथ-साथ क्षेत्रीय संस्कृति के महत्वपूर्ण बिन्दुओं को चिन्हित करके उसको राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना। यहां की संस्कृति के पहलुओं का अध्ययन करके उसके विस्तार में सहायता करके।

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