शिमला। बीते दिनों हिमाचल प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग में टी जी टी हिन्दी और संस्कृत पदनाम को ले कर बने असमंजस को 25 फरवरी 2023 के निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के कार्यालय पत्र ने इस पुष्टि के साथ समाप्त कर दिया कि टी जी टी हिन्दी और संस्कृत पदनाम बदला जा चुका है और इन पदों के लिए टेट एल टी और शास्त्री का ही मान्य होगा। परन्तु अध्यापक संगठनों की मांग इस सन्दर्भ में यह है कि बिना वित्त लाभ के टी जी टी पदनाम का कोई औचित्य ही नहीं बनता।
राजकीय भाषायी अध्यापक संघ हिमाचल प्रदेश के राज्याध्यक्ष हेमराज ठाकुर,संस्थापक नरेंद्र शर्मा,सचिव अर्जुन सिंह,मुख्य संरक्षक धनवीर नायक,कोष प्रभारी ज्ञान दास शर्मा और महिला मोर्चा अध्यक्ष मीरा ठाकुर ने सरकार और विभाग से मांग की है कि टी जी टी हिन्दी और संस्कृत पदनाम सरकार और विभाग आर टी ई अधिनियम और एन सी आर टी के निर्देशानुसार वित्त लाभ और पदोन्नति व्यवस्था के साथ प्रदान करे।इसके साथ – साथ उन्होंने प्रवक्ता न्यू के लिए पदोन्नति तथा बी आर सी सी भर्ती के लिए भी टी जी टी हिन्दी और संस्कृत शिक्षकों को पात्र घोषित करने की मांग मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग से उठाई है।उनका कहना है कि जब विभाग स्पष्ट कर चुका है कि एल टी और शास्त्री अध्यापकों का बदला जा चुका है तो फिर पदोन्नति प्रक्रिया और बी आर सी सी भर्ती प्रक्रिया में उक्त अध्यापकों को पात्र घोषित करना अनिवार्य हो जाता है।उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार और शिक्षा विभाग इस सन्दर्भ में सानुभूतिपूर्वक पुनर्विचार करेंगे और संस्कृत तथा हिन्दी शिक्षकों के साथ उचित न्याय करेंगे।
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