क्विज प्रतियोगिता में टीम- ए ने झटका पहला स्थान सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कॉलेज में अंगदान व नेत्रदान के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

शिमला के सिस्टर निवेदिता गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज में आई बैंक आईजीएमसी शिमला व स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन हिमाचल प्रदेश की ओर से वीरवार को अंगदान व नेत्रदान के प्रति जागरूकता को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर यशपाल रांटा ने नर्सिंग छात्राओं को मृत्यु के बाद नेत्रदान और ब्रेन डेड की स्थिति में अंगदान करने के विषय में जानकारी दी। इसके बाद छात्राओं के बीच नेत्रदान संबंधी क्विज प्रतियोगिता करवाई गई।
इसमें करीब 16 छात्राओं ने भाग लिया। टीम- ए ने लगभग सभी प्रश्नों के सही उत्तर देकर पहला स्थान झटका। वही टीम- बी दूसरे और टीम- डी और टीम- सी तीसरे स्थान पर रही। टीम- ए में प्राची, ज्योति, गीतिका और ईशा खान ने भाग लिया। टीम- बी में शिल्पा, दीक्षा मिन्हास, प्रिया और मीनाक्षी ने भाग लिया। वही टीम-सी और टीम- डी में गुरुशीश कौर, मनदीप कौर, शीतल शर्मा, ईशा, निशा, काजल, प्रेरणा और रमनप्रीत ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज प्रिंसिपल कमला तंवर व डॉक्टर यशपाल ने विजेताओं को सम्मानित किया। छात्राओं को संबोधित करते हुए डॉ यशपाल ने बताया कि कॉर्निया आंख की पुतली के ऊपर शीशे की तरह की एक परत होती है प्रायः आंख में संक्रमण व चोट लगने या बचपन में पोषण की कमी के कारण यह कई बार क्षतिग्रस्त हो जाता है। कॉर्निया के क्षतिग्रस्त होने के कारण जिस व्यक्ति की दृष्टि चली गई है वह कॉर्निया ट्रांसप्लांट द्वारा पुनः दृष्टि प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति चाहे वह स्त्री या पुरुष हो , किसी भी जाति व समुदाय से संबंध रखता हो वह नेत्रदान कर सकता है। नेत्रदान करने वाले व्यक्ति के परिवार से किसी प्रकार की फीस नहीं ली जाती। उन्होंने कहा की ब्रेन डेड व्यक्ति अपने अंगों के दान करके दूसरों को जीवनदान दे सकता है। इसके लिए सरकार की ओर से सोटो लगातार लोगों में अंगदान के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास कर रहा है।
कार्यक्रम में सोटो के ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर नरेश कुमार, प्रोग्राम असिस्टेंट भारती कश्यप और ग्रीफ काउंसलर डॉ सारिका मौजूद रहीं।

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