शिमला, । भारत की दो प्रमुख कृषि कंपनियां सिंजेंटा इंडिया और अदानी एग्री फ्रेश (एएएफ) हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादक किसानों को सक्षम बनाने के लिए हाथ मिलाया है। अब किसानों को उनके बागों के सेब का सही मूल्य और समय पर भुगतान मिल सकेगा।
सिंजेंटा इंडिया सेब उत्पादकों को बेहतर और अच्छी फसलों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सर्वोत्तम समाधान उपलब्ध करा रही है, जबकि एएएफ सेबों को सीधे बाग से उठाकर उनके विपणन को सुनिश्चित करती है, इस प्रकार सेब उत्पादकों के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त होता है और इससे किसानों की आय में निरंतर वृद्धि होती रहेगी।
सिंजेंटा इंडिया ने हिमाचल प्रदेश में ‘ऐप्पल मॉडल फार्म’ की अवधारणा को विकसित किया है, जिसके तहत किसान सेब की फसलों के लिए सही नवीनत्तम तकनीक को आसानी से अपना सकेंगे। साथ ही उत्पादकों को गुणवत्ता वाले सुरक्षित बम्पर फसल के लिए प्रबंधन प्रशिक्षण के माध्यम से सक्षम किया जा सकेगा।
सिंजेंटा इंडिया के चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर डॉ केसी रवि का कहना है कि सकरात्मक विचार से हिमाचल प्रदेश में सेब की खेती को प्रोत्साहन देना हमारा लक्ष्य है। शिमला जिले के रामपुर के शेडापानी गांव में ‘एप्पल मॉडल फार्म’ इस बात का प्रमाण है । किसानों को नवाचारों को अपनाने और सर्वोत्तम तकनीक से जोड़ कर और उन्हें प्रोत्साहित करके सेब उत्पादन को अधिकतम स्तर तक ले जाया जा सकता है।
मंजीत शीलू, प्लांट हेड अदानी फार्म-पिक का कहना है कि फार्म-पिक के साथ हमारा लक्ष्य हिमाचल प्रदेश की तलहटी में स्थित चुनिंदा सेब की खेतों से पौष्टिक सेबों को ग्राहकों तक पहुंचाने का है। उम्दा किस्म के सेब ग्राहकों को संतुष्टि दे सकेंगे। हमें सिंजेंटा इंडिया के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है जो किसानों को गुणवत्तापूर्ण फल पैदा करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ मदद कर रहा है।
मॉडल फार्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, केवीके, शिमला के प्रधान वैज्ञानिक डॉ नरेंद्र कैत ने कहा, “सिंजेंटा इंडिया के मार्गदर्शन में ये मॉडल फार्म बाकी किसानों के लिए एक उदाहरण स्थापित करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करने और साझा करने के लिए एक महान मंच हो सकते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संचालन की डायरी को बनाए रखना, पौधों की संख्या और प्रक्रिया के दौरान उनकी बारीकी से निगरानी करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
सिंजेंटा इंडिया ने हिमाचल प्रदेश के पहले ‘ऐप्पल मॉडल फार्म’ के मालिक दिनेश भंडारी को फसल तकनीक और प्रबंधन का बेहतर प्रशिक्षण दिया, जिससे उन्होंने बेहतर गुणवत्ता वाले फलों का उत्पादन किया। प्रशिक्षण से उन्हें बहुत लाभ मिला है । सेब उत्पादक फार्म के मालिक दिनेश भंडारी का कहना है कि सिंजेंटा इंडिया के मार्गदर्शन ने मुझे बहुत मदद मिली है। उर्वरकों के उपयोग से लेकर फसल सुरक्षा समाधानों तक सिंजेंटा के बताए तकनीक से फसलें बेहतर हुई हैं।
दिनेश भंडारी का एप्पल मॉडल फार्म लगभग 14.5 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है और सिंजेंटा से जुड़ने पर भंडारी को बेहतर फसल की उम्मीद है। भंडारी का कहना है कि पहली बार सिंजेटा के बताए तकनीक के अनुसार सर्वोत्तम फसल पद्धतियों को लागू किया है। मैं परिणाम से खुश हूं। पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष फसल काफी बेहतर है।
दिनेश ने समझाया, “सिंजेंटा प्रथाओं ने मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद की, खेत के आसपास जैव विविधता में वृद्धि हुई, और फसल सुरक्षा उत्पादों के सुरक्षित उपयोग के लिए प्रबंधन पद्धतियां बेहद मददगार थीं।”
झाकड़ी में डीपीएस के अंग्रेजी के शिक्षक दिनेश के बगीचे में 600 से अधिक सेब के पौधे हैं जिनकी उम्र छह से 20 वर्ष के बीच है। सिंजेंटा ने उनके बाग में सेब उत्पादन तकनीक विकसित किया है। इस वर्ष उन्होंने 50-60 पौधों के लिए सिंजेंटा तकनीक का उपयोग किया और परिणाम उत्कृष्ट रहा।
डॉ रवि के अनुसार सिंजेंटा फसलों की सुरक्षा और बीजों में सुधार के लिए विश्व स्तरीय विज्ञान के साथ नवाचार करता है। हमारा मुख्य व्यवसाय किसानों को प्रौद्योगिकि, ज्ञान और सेवा प्रदान करना है ताकि वे हमें बेहतर भोजन, चारा, फाइबर और ईंधन प्रदान कर सकें।
डॉ रवि का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में सेब बागवानी के तहत कुल क्षेत्रफल के लगभग 50 प्रतिशत पर उगाया जाता है जो राज्य के कुल फल उत्पादन का 85 प्रतिशत शामिल है। हम पूरे फसल तकनीक के साथ किसानों की मदद करने के लिए तैयार हैं, जिससे अच्छी फसल होगी और किसान की आय बढ़ेगी, जो हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
सिजेंटा इंडिया का सेब उत्पादन तकनीक ऐसे समय में आया है जब राज्य की मुख्य फल फसल असामान्य रूप से गर्म मौसम और कम बर्फबारी से उत्पन्न होने वाली कई चुनौतियों का सामना कर रही है। असामान्य रूप से उच्च तापमान के कारण पेड़ पर फल पहले से आ जाते हैं, जिसके फल के आकार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अदानी एग्री फ्रेश लिमिटेड (एएएफएल) संगठित कंपनी सेब की खरीद, भंडारण और विपणन में लगी हुई है। एएएफएल ने शिमला जिले में बिथल, सैंज और मेहंदी में अपने स्टेट ऑफ आर्ट भंडारण को स्थापित किया है, जिसमें हिमाचल प्रदेश में 17000 से अधिक सेब उत्पादकों को शामिल किया गया है और इसमें सेब के प्रसार के लिए 700 गांवों के 90 प्रतिशत से अधिक छोटे और सीमांत किसान शामिल हैं।
‘ऐप्पल मॉडल फार्म’ के दौरे पर उपस्थित लोगों में डॉ नरेंद्र कैत, विशेष वैज्ञानिक केवीके शिमला; सिनजेंटा के दीपक कुमार, डीएमएल उत्तर -1, सरफर्ज बशीर बीएम एचपी, नरेंद्र सैनी टीएम, शिमला, प्रवीण एचएम शामिल थे। इसके अलावा लीड वैल्यू चेन चिदंबर, राजशेखर, विपिन पुरी, केआरएम वीसी राजेंद्र देशमुख और अन्य विशेषज्ञ भी शामिल थे।
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