वन विभाग की कार्यप्रणाली पर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ ने उठाए सवाल, 15 अगस्त से आमरण अनशन की चेतावनी

शिमला। हिमाचल प्रदेश वन विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर उनका अपना मिनिस्ट्रीयल स्टाफ मुखर हो गया है। मामला वन विभाग के राज्य स्तरीय अवार्ड वितरण से जुडा है जो कि 2 अगस्त को ज़िला चम्बा में दिए गए। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के मिनिस्ट्रीयल स्टाफ ने आरोप लगाया है कि डिपार्टमेंट ने अपने चहेतों को अवार्ड दिए जिन्होंने सच में काम किया उन्हें इस बारे में बताया तक नहीं गया।

कोरोना काल के दो साल के अवार्ड को एक साथ दिया गया जिसमें ऐसे लोग शामिल थे जो अवार्ड के हकदार नहीं थे। मिनिस्ट्रीयल स्टाफ ने आरोप कि अवार्ड को लेकर धांधली हुई। स्टेट लेवल की इस अवार्ड सेरेमनी की जानकारी बकायदा प्रेस कान्फ्रेंस कर दी जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया।एसोसिएशन ने जब डिपार्टमेंट से इस बाबत पूछा तो बताया कि यह अवार्ड पौधारोपण करने के लिए दिए गए।

मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश बादल का कहना है कि यदि अवार्ड को लेकर हुई बंदरबांट ठीक नहीं की गई तो 9 तारीख से नौकरी टाइम के बाद रिज मैदान पर अनशन पर बैठेगें। कहा कि जिन लोगोें ने फॉरेस्ट को बचाने के लिए अपनी जान तक दे दी, जो घायल हुए उन्हें इस अवार्ड सुची में शामिल नहीं किया गया। यह अवार्ड सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए दिया जाता है लेकिन जो अपनी जान को जोखिम में डालकर पौधे और फॉरेस्ट की रक्षा कर रहे हैं उनके नाम लिस्ट से गायब है। कहा कि इस बारे में मुख्य्मंत्री, वन मंत्री समेत अन्य आला अधिकारियों से मिलेंगे यदि फिर भी कोई निर्णय नहीं हुआ तो 9 अगस्त के बाद अनिश्चित काल के लिए रोज 30 मिनट अनशन करेंगे।

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