12 जुलाई से ऐतिहासिक रिज मैदान पर सजेगा नाबार्ड मेला

शिमला।12 जुलाई 1982 को नाबार्ड की स्थापना की गई। नाबार्ड के स्थापना दिवस पर 12जुलाई से शिमला के रिज मैदान पर पदमदेव काम्प्लेक्स में प्रदर्शनी लगाई जाएगी। जिसमें प्रदेश के सभी जिलों से महिलाओं के स्वयं सहायता समूह उत्पादों की प्रदर्शनी लगाएंगी। इसमें शॉल, पट्टू, टोपी,अचार, जैसी अन्य ग्रामीण निर्मित उत्पाद होंगे।नाबार्ड हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक डॉ सुधांसु केके मिश्रा ने बताया कि नाबार्ड गांव बढ़े तो देश बढ़े थीम पर काम कर रहा हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके निर्मित उत्पादों को उचित मंच प्रदान किया जा रहा हैं। नाबार्ड 12 जुलाई को अपना 41 वां स्थापना दिवस मनाएगा जिस अवसर पर तीन दिवसीय नाबार्ड मेला रिज मैदान पर लगाया जाएगा जिसमें स्वयं सहायता समूह अपने उत्पादों को विक्री करेंगे।उन्होंने बताया कि इस मेले में नाबार्ड द्वारा समर्थित स्वयं सहायता समूहों के ग्रामीण महिलाओं और किसान उत्पादक संगठनों के किसानों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। मेले में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलो के लगभग 28 स्वयं सहायता समूह तथा किसान उत्पादक संगठन हिस्सा ले रहे हैं। शिमला में इस तरह की पहल नाबार्ड ग्राम्य उत्पाद मेला 2018″के रूप में शुरू हुई थी जिसमें स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं एवं कृषक उत्पादक संगठनों के उत्पादों को बेचने तथा खरीदने का सुअवसर दिया गया था।इस मेले में प्रदेश के सुंदर जिले चम्बा, किन्नौर और लाहौल स्पीति के उत्पाद भी प्रदर्शित किये जाएंगे। अन्य जिलों के पहाड़ी मसाले, दालों एवं पहाड़ी व्यंजनों की भी प्रदशनी लगाई जाएगी जिसमें सिड्डु तथा लुशके आदि होंगे। मंडी और किन्नोर जिले के मशहूर ऊनी हैंडलूम उत्पादों जैसे शॉल एवं मफ़लर जो मंडी और किन्नोर की ग्रामीण महिलाओं द्वारा हाथ से तैयार किये जाते हैं, वह भी यहाँ उपलब्ध होंगे। ऊना जिले के ग्रामीणों द्वारा बांस से तैयार फर्नीचर की प्रदर्शनी भी यहाँ लगायी जाएगी।

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