हिमाचल में स्क्रब टायफस की दस्तक,4 मरीज आइजीएमसी में दाखिल

 

शिमला:आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस ने दस्तक दे दी है। स्क्रब टाइफ स के आईजीएमसी में चार नए मरीज मिले हैं। प्रशासन ने कुछ दिनों में 84 लोगों के सैंपल लिए थे, जिसमें चार लोग पॉजिटिव आए हैं। इसमें तीन महिलाएं और एक पुरुष शामिल है। कुल्लू और मंडी जिला के ये मरीज आईजीएमसी में जांच के लिए आए थे और अब यहां पर उपचाराधीन है। स्क्रब टाइफस के मरीज आने के बाद आईजीएमसी में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
स्क्रब टाइफस एक रिकेटसिया नामक जीवाणु से फैलता है और ये पिसुओं में पाया जाता है। संक्रमित पिस्सू, जंगली चूहों में पाए जाते हैं और घास और खेतों में से आकर घरों में आ जाते हैं। संक्रमित पिस्सू स्वस्थ आदमी को काटता है और स्क्रब टाइफस फैलाता है।

क्या बरतें सावधानी
स्क्रब टाइफ स से बचने के लिए घर के आस-पास घास या झाडिय़ां न उगने दें और समय-समय पर सफ ाई करते रहें। शरीर को स्वच्छ रखें और हमेशा साफ कपड़े पहनें। आसपास जलजमाव बिल्कुल न होने दें। घर के अंदर और आसपास कीटनाशकों का छिडक़ाव अवश्य करें। खेतों में काम करते समय हाथ व पैरों को अच्छे से ढककर रखें। बरसात के मौसम में इस बीमारी के रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। समय पर डाक्टर को दिखाने पर इसका आसानी से इलाज संभव है। यह रोग एक आदमी से दूसरे को नहीं फैलता है। स्क्रब टायफस का ज्यादा प्रकोप जुलाई से अक्टूबर तक रहता है। इस मौसम में अधिकतर लोग खेतों और घासनियों में घास काटते हैं।

स्क्रब टाइफ स के लक्षण
स्क्रब टाइफ स वाले मरीज को 104 से 105 डिग्री तक बुखार होता है, जोड़ों में दर्द, गर्दन, बाजुओं के निचले भाग व कुल्हों में गिल्टियां होना इसके लक्षण होते हैं। कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डाक्टर को दिखाएं व अपनी मर्जी से दवा न खाएं। यदि समय पर दवा लें तो यह आसानी से ठीक हो जाता है।

कोट
आईजीएमसी में स्क्रब टाइफ स के चार मरीज आए हैं। 84 लोगों के सैंपल लिए गए थे, जिसमें चार की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। लोगों को सलाह दी जाती है कि यदि उनमें बुखार, दर्दें या कोई अन्य लक्षण है तो तुरंत अपना चैकअप डॉक्टरों से करवाएं, ताकि स्क्रब टाइफस से बचा जा सके।
डॉ जनकराज एमएस आईजीएमसी शिमला

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