हिमाचल कैबिनेट, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने को मिली मंजूरी, शिमला डेवेलपमेन्ट प्लान को मंजूरी, अब 3 साल के लिए बनेंगे हिमकेयर कार्ड

हिमाचल कैबिनेट, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने को मिली मंजूरी, शिमला डेवेलपमेन्ट प्लान को मंजूरी, अब 3 साल के लिए बनेंगे हिमकेयर कार्ड

शिमला।,प्रदेश केबिनेट की बैठक आज सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई। बैठक में कई निर्णय लिए गए हैं। शिमला डेवेलपमेन्ट प्लान को मंजूरी के साथ ही पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय बढ़ोतरी को भी स्वीकृति दी गई है।
,निर्णयों की जानकारी देते हुए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में हिमाचल पथ परिवहन निगम को मृत्यु एवं सेवानिवृति ग्रेच्यूटी तथा सेवानिवृत अवकाश नगदीकरण की लम्बित देनदारियों के भुगतान के लिए प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर बैंकों से 110 करोड़ रुपये का ऋण लेने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गारन्टी प्रदान करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमण्डल ने पंचायतीराज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि करने को स्वीकृति प्रदान की। जिला परिषद के अध्यक्ष का मानदेय 12500 रुपये से बढ़ाकर 15000 रुपये, उपाध्यक्ष का मानदेय 8000 रुपये से बढ़ाकर 10000 रुपये, सदस्य का मानदेय 5000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये, जबकि पंचायत समिति के अध्यक्ष का मानदेय 7000 रुपये से बढ़ाकर 9000 रुपये, उपाध्यक्ष का मानदेय 5000 रुपये से बढ़ाकर 6500 रुपये, सदस्य का मानदेय 4500 रुपये से बढ़ाकर 5500 रुपये प्रतिमाह करने को स्वीकृति प्रदान की गई। इसी प्रकार ग्राम पंचायत प्रधान का मानदेय 4500 रुपये से बढ़ाकर 5500 रुपये, उप-प्रधान का मानदेय 3000 रुपये से बढ़ाकर 3500 रुपये तथा सदस्य का मानदेय 500 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये प्रतिमाह करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमण्डल ने लगभग 43 वर्षों के उपरान्त शिमला योजना क्षेत्र के लिए विकास योजना को स्वीकृति प्रदान की। अभी तक अंतरिम विकास योजना लागू की जा रही थी। मंत्रिमण्डल ने चालू वित्त वर्ष से हिमाचल प्रदेश के कतिपय प्रवर्गों के वेतन और भत्तों पर आयकर का संदाय अध्यादेश, 2022 को लागू करने की स्वीकृति प्रदान की। अब मुख्यमंत्री, मंत्री विधानसभा अध्यक्ष, उपापध्यक्ष और विधायक व्यक्तिगत रूप से आयकर भरेंगे।
बैठक में मुख्यमंत्री हिमकेयर योजना के अन्तर्गत तीन वर्षाें के लिए प्रीमियर दरों को 1000 रुपये अथवा 365 रुपये तथा इसकी वैधता को तीन वर्ष बढ़ाने को भी कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में इस योजना के अन्तर्गत नए कार्डो का पंजीकरण वर्ष भर करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।

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