प्रदेश में चल रही चिकित्सकों की हड़ताल खत्म, मुख्यमंत्री के आसान आश्वासन के बाद चिकित्सकों ने वापस ली अपनी हड़ताल

 

शिमला।प्रदेश में बीते 14 दिनों से चल रही चिकित्सकों की हड़ताल खत्म हो गई है गुरुवार को मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद चिकित्सकों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है शुक्रवार से चिकित्सक अपने ऊपरी में सुबह 9:30 बजे से बैठेंगे।

चिकित्सक संघर्ष समिति के सचिव पुष्पेंद्र ने बताया कि आज वार्ता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ स्वास्थ्य मंत्री राजीव सेहजल,मुख्य सचिव, वित्त सचिव ,स्वास्थ्य सचिव की मौजूदगी में हुई ।सबसे पहले समिति के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश सूद और महासचिव डॉ पुषपेंद्र वर्मा ने मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ देकर वार्ता की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने बड़े ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में और गर्मजोशी से चिकित्सकों की मांगों को पूरे 2 घण्टे सुना और साथ के साथ अधिकारियों को उनको पूर्ण करने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि
मुख्यमंत्री ने खुद बताया कि चिकित्सक कितनी मेहनत करते हैं और उनको किन परिस्थितियों में नौकरी करनी पड़ती है। उन्होंने अपनी धर्मपत्नी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वह पहली बार पीएचसी बालीचोकी में पोस्टिंग हुई तो उस समय वहां का टेबल और कुर्सी भी टूटी हुई थी जो उन्होंने स्वयं ठीक कराई ।इसलिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया आने वाले नौजवान चिकित्सकों को नियमित आधार पर ही भर्ती किया जाएगा और हर वर्ष कोशिश की जाएगी के डॉक्टरों के लिए कमीशन में पर्याप्त मात्रा में सीटे निकाली जाएं।

उन्होंने वित्त विभाग को निर्देश दिया कि जो चिकित्सक अनुबंध पर लगे हैं उनके लिए एनपीए की नोटिफिकेशन भी जल्द से जल्द अधिसूचित की जाए ।डॉक्टरों की सबसे बड़ी मांग जिसमें लिखा था कि उनके वेतन की सीलिंग को पंजाब के बराबर रखा जाए तो हिमाचल प्रदेश में जो सबसे ज्यादा वेतन की सीलिंग है वो 2,25,000 है और चिकित्सकों के लिए यह सीलिंग अब बढ़ाकर 2,24,500 करने पर सहमति बन गई। 20% नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस को भी 1 जनवरी 2022 से लागू किया जाएगा और एनपीए को बेसिक का हिस्सा माना जाएगा। 4-9-14 के लिए अधिसूचना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जारी है और जारी ही रहेगी और इसकी अधिसूचना कर्मचारियों के लिए जल्द ही जारी होने वाली है। जिसमें वित्त सचिव ने कहा कि जब भी नया वेतन कमीशन शुरू होता है तो 4-9-14 को स्थगित कर फिर से नोटिफाई करना पड़ता है। इसलिए मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इसे लागू कर दिया जाएगा। चिकित्सकों का विशेषज्ञ भत्ता बढ़ाने को भी सहमति बनी और साथ में मेडिकल कॉलेज में काम कर रहे डॉक्टर्स के लिए भी एकेडमिक भत्ता के लिए सहमति बनी। जिसके लिए स्वास्थ्य सचिव, विशेष स्वास्थ्य सचिव व संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश सूद, महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ,डॉक्टर प्रवीण चौहान, डॉक्टर विशाल जमवाल ,डॉ घनश्याम वर्मा ,डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज ,डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन इस कमेटी के सदस्य होंगे और यह कमेटी 8 हफ्तों के अंदर अपनी विस्तृत सिफारिशें सरकार को देंगी जिन्हें लागू किया जायेगा। जिसकी अधिसूचना तुरंत जारी कर दी गई है। संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश सूद और महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया कि 2 घंटे तक मुख्यमंत्री ने हमारी बातों को हमारी मांगों को बड़े ही ध्यानपूर्वक सुना और उनका तुरंत समाधान निकाला और साथ में टेक्निकल कमेटी जिसमें की संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य होंगे को तुरंत अधिसूचित किया ।इसलिए उन्होंने सभी चिकित्सकों वेटरनरी डेंटल वाह सारी मेडिकल फैकल्टी और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का हार्दिक धन्यवाद किया कि उन्होंने सब ने मिलकर जो एकता अपनी मेडिकल फ्रेटरनिटी के लिए दिखाई है वह काबिले तारीफ है और हम सब अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं और हमेशा इनके लिए आगे भी जरूरत पड़ने पर लड़ते रहेंगे। इसलिए उन्होंने अपने चिकित्सकों से आह्वान किया कि तब तक के लिए हम अपने इस आंदोलन को अपनी मांगों के पूर्ण होने की अधिसूचना तक स्थगित कर रहे हैं।

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