December 13, 2024

जानिए शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की कृपा पाने के लिए कैसे करें पूजा, भोग, शुभ रंग और मंत्र-

शिमला।:आज नवरात्रि की सातवां दिन है। सप्तमी तिथि में मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि की पूजा करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। मां कालरात्रि भक्तों को काल से बचाती हैं। मान्यता है कि मां कालरात्रि भक्तों को अभय वरदान देने के साथ ग्रह बाधाएं भी दूर करती हैं। मां कालरात्रि की अराधना से आकस्मिक संकटों से मुक्ति मिलती है।

मां कालरात्रि का ऐसा है स्वरूप-
मां कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है। मां के बाल लंबे और बिखरे हुए हैं। माता के गले में पड़ी माला बिजली की तरह चमकती है। मां कालरात्रि के चार हाथ हैं। एक हाथ में माता ने खड्ग (तलवार). दूसरे में लौह शस्त्र, तीसरे हाथ वरमुद्रा और चौथे हाथ अभय मुद्रा में है।

नवरात्रि के सातवें दिन का शुभ रंग-
मां कालरात्रि को लाल रंग अतिप्रिय है। ऐसे में मां कालरात्रि की पूजा के दौरान लाल वस्त्र पहनना शुभ माना गया है।

सिद्धि के लिए करें साधना
नवरात्र के सातवें दिन साधक का मन ‘ सहस्त्रार’ चक्र में स्थित होता है। इस दिन से ब्रह्माण्ड की समस्त शक्तियों सिद्धियों का द्वार खुला होता है। जो साधक विधिपूर्वक माता की उपासना करता है उसे यह सिद्धियां प्राप्त होती है।

मां कालरात्रि की पूजा विधि
नवरात्रि के सप्तम दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से साधक के समस्त शत्रुओं का नाश होता है। हमे माता की पूजा पूर्णतया: नियमानुसार शुद्ध होकर एकाग्र मन से की जानी चाहिए। माता काली को गुड़हल का पुष्प अर्पित करना चाहिए। कलश पूजन करने के उपरांत माता के समक्ष दीपक जलाकर रोली, अक्षत से तिलक कर पूजन करना चाहिए और मां काली का ध्यान कर वंदना श्लोक का उच्चारण करना चाहिए| तत्पश्चात मां का स्त्रोत पाठ करना चाहिए। पाठ समापन के पश्चात माता जो गुड़ का भोग लगा लगाना चाहिए तथा ब्राह्मण को गुड़ दान करना चाहिए।

मां कालरात्रि का सिद्ध मंत्र :
‘ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।’

मंत्र :
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकर।

मां कालरात्रि को क्या लगाएं भोग-
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को गुड़ अतिप्रिय है। मान्यता है कि देवी मां को गुड़ का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं।

इस पूजा से होगा विशेष लाभ
माता काली एवं कालरात्रि को गुड़हल का फूल बहुत पसंद है। इन्हें 108 लाल गुड़हल का फूल अर्पित करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जिन्हें मृत्यु या कोई अन्य भय सताता हो, उन्हें अपनी या अपने सम्बन्धी की लंबी आयु के लिए मां कालरात्रि की पूजा लाल सिन्दूर व ग्यारह कौड़ियों से सुबह प्रथम पहर में करनी चाहिए। मां कालरात्रि की इस विशेष पूजा से जीवन से जुड़े समस्त भय दूर हो जाएंगे।

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