शिमला: प्रदेश में कोरोना संक्रमण कम होता जा रहा है।।और अनलॉक होने से असपतालो में भी मरीजो की संख्या बढ़ने लगी है। अगर आइजीएमसी की बात करे तो कोरोना काल मे जहाँ 500 के लगभग ओपीडी रहती थी अब 2000से 25000तक ओपीडी प्रतिदिन पहुँच गयी है।ऐसे में ओपीडी में मरीजो की भीड़ को देखते हुए कोरोना काल मे फील्ड में भेजे डॉक्टर को फिर से वापिस बुलाया जा रहा है।
मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से फील्ड में भेजे गए डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को वापस बुलाया जा रहा है।
कोरोना के चलते ये डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ करीब पांच महीने से फील्ड में सेवाएं दे रहे हैं। इनकी सेवाएं अब ओपीडी और आपातकालीन विभाग में ली जाएंगी। सबसे ज्यादा मरीज मेडिसिन, सर्जरी और ईएनटी ओपीडी में आ रहे हैं। एक सप्ताह में इनकी संख्या आठ हजार से ज्यादा है।
तीसरी लहर के आने पर फिर भेजा जाएगा फील्ड में
कोरोना की संभावित तीसरी लहर के आने पर इन डॉक्टरों और स्टाफ को बाद में फिर फील्ड में भेजा जाएगा। कोरोना के चलते सरकार ने सरप्लस डॉक्टरों, फार्मासिस्टों, नर्सों को इधर से उधर किया था। जिन अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ नहीं था, वहां स्टाफ भेजा गया था। सरकार ने डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां भी बंद कर दी थी।
लेकिन अब छुट्टियां भी बहाल कर दी है। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ने से फील्ड में भेजा गया स्टाफ बुलाया जा रहा है।
More Stories
आइजीएमसी में 600 नर्सों की तैनाती से मिलेगी बड़ी राहत : शीतल श्रीवास्तव
हिमाचल में बढ़ रहे लंग कैंसर के मरीज, प्रतिवर्ष 350 से 400 नए मरीज
आईजीएसमी में महिला सुरक्षा गार्ड को डराया, गार्ड डिप्रेशन में आईजीएसमी में दाखिल