शिमला:आई.जी.एम.सी. में सोमवार को दो किडनी ट्रांसप्लांट हुए है। दोनों मरीजों के सफल ऑपरेशन हुए है। मरीजों के किडनी ट्रांसप्लांट दिल्ली एमस के तीन डॉक्टर सहित आई.जी.एम.सी. के डॉक्टरों द्वारा किए गए है। दिल्ली एमस से दो सर्जन व एक एनेस्थीसिया के डॉक्टर आए है। इनमें डॉ. विरेंद्र बंसल, कूष्णा सूरी व महिला डॉक्टर राजेश्वरी शामिल थे। पहला ऑपरेशन करसोग के गोपलपुर निवासी 32 वर्षीय बलदेव कुमार मरीज का हुआ। मरीज को ऑपरेशन थियेटर में 7:30 बजे ले गए थे और 8:30 बजे से ऑपरेशन शुरू हुआ। पहला ऑपरेशन 12:30 बजे तक चला। वहीं दूसरे मरीज भरमौर के रहने वाले 28 वर्षीय विनोद कुमार को 12:15 बजे पर ऑपरेशन थियेटर ले गए थे। यह ऑपरेशन 12:30 बजे से शुरू हुआ और 2:30 बजे तक चला। बताया जा रहा है कि पहले ऑपरेश करने में डॉक्टरों को थोड़ी परेशानी आई, लेकिन ऑपरेशन सफल हुआ है। करसोग गोपालपुर के रहने वाले मरीज को उसके पिता मानसिंह ने किडनी दी है और भरमौर के मरीज को उसके पिता शंकर ने किडनी दी है। आई.जी.एम.सी. मे यह चौथा व पांचवा किडनी ट्रासप्लांट हुआ है। इससे पहले तीन किडनी ट्रांसप्लांट हुए है और तीनों सफल हुए है। ऑपरेशन के दौरान आई.जी.एम.सी. के सर्जरी,यूरोलॉजी, नेफरोलॉजी, एनेसथिस्यिा, कार्डिक थरेसिक सर्जरी व रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टर उपस्थित रहे। यहां सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों के ऑपरेशन निशुल्क हुए। इन दोनों मरीजों के लिए मुखयमंत्री राहत कोश से 7 लाख रूपए दिए गए है। दोनों मरीजों पर साढे तीन तीन लाख रूपए खर्च हुए है। आई.जी.एम.सी. में हुए किडनी ट्रांसप्लांट में आई.जी.एम.सी. के प्रिंसिपल सुरेंद्र ठाकुर, एम.एस. डॉ. जनक राज व डॉ. राहुल गुप्ता का सबसे ज्यादा सहयोग रहा। इनके द्वारा सारी सुविधा उपलबध करवाई गई। कोविड की स्थिति अगर अब ठीक रहती है तो अब समय समय पर ऑपरेशन होते रहेंगे।
जायजा लेने आई.जी.एम.सी. पहुंचे स्वास्थ्य सचिव
सुबह के समय स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी आई.जी.एम.सी. ही पहुंच गए। उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर जायजा लिया और दिल्ली एमस से आए डॉक्टरों से बातचीत कर उनका आभार जताया। स्वास्थ्स सचिव ने इस दौरान कोविड वार्ड का जायजा भी लिया। उन्होंने आई.जी.एम.सी. में आ रही समस्या को दूर करने के निर्देश भी दिए।
12 अगस्त 2019 को हुआ था पहला किडनी ट्रांसप्लांट
आई.जी.एम.सी. में 12 अगस्त 2019 को पहला किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। अभी तक हुए तीनों किडनी ट्रांसप्लांट भी निशुल्क हुए है। मुखयमंत्री चिकित्सा सहायता कोश मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। इससे पहले हिमाचल के मरीज पी.जी.आई. या फिर बाहरी राज्य में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जाते थे। कोविड काल में मरीजों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, लेकिन अब फिर शुरू हो रहे किडनी ट्रांसप्लांट के चलते मरीजों को ज्यादा दिक्कतें नहीं आएगी।
एमस डाक्टरों की निगरानी में होगे अभी 10 ऑपरेशन
आई.जी.एम.सी. के एम.एस. डॉक्टर जनक राज ने कहा कि अभी किडनी ट्रांसप्लांट एमस के डाक्टरों की निगरानी में ही होगे। 10 के करीब ऑपरेशन अभी एमस डाक्टरों की निगरानी में ही होगे। उसके बाद आई.जी.एम.सी. के डॉक्टर स्यवं आपरेशन करेंगे। अभी जैसे-जैसे मरीज आई.जी.एम.सी. में आएगे तो तभी एमस से डॉक्टर की टीम आती रहेंगी। वहीं आई.जी.एम.सी. के प्रिंसिपल डॉक्टर सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट से हिमाचल के मरीजों को काफी ज्यादा लाभ होगा।
क्या कहते है तीमारदार
दो साल से चल रहा था आई.जी.एम.सी. में उपचार
करसोग के रहने वाले मरीज के साथ आए तीमारदार परस राम ने कहा कि उनका भांजा दो सालों से आई.जी.एम.सी. में उपचार करवाया रहा था। उनका डायलेसिस चला हुआ था। डॉक्टरों ने एक साल पहले बोला की दोनों किडनी खराब है। एक सप्ताह पहले डॉक्टरों ने फिर आई.जी.एम.सी. में भर्ती कर दिया और ऑपरेशन हो गया है। हमें अब बहुत खुशी है।
परस राम, निवासी करसोग गोपालपुर।
पति की दोनों किडनी थी खराब
करसोग की रहने वाली मीरा देवी ने कहा कि मेरे पति की दोनों किडनी खराब थी। हमें नवबंर 2019 में किडनी खराब होने का पता चला था। आई.जी.एम.सी. से ही इलाज चला हुआ था। हम सरकार व प्रशासन का बहुत बहुत धन्यावाद करते है जिन्होंने निशुल्क ऑपरेशन किया है।
-मीरा देवी, निवासी करसोग गोपालपुर।
इलाज के लिए दो साल शिमला में लिया स्पेशल रूम
भरमौर के रहने वाले मरीज के साथ आए तीमारदार अविनाश का कहना है कि उनका दोस्त बीते दो सालों से शिमला में स्पेशल रूम लेकर अपना उपचार करवा रहा था। दोनों ही किडनी फेल हो चुकी थी। हमें बहुत खुशी है कि हमारे मरीज का निशुल्क व सफल ऑपरेशन हुआ है।
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