सोलन, – हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद बाहरा विश्वविद्यालय के छात्रों ने साहस और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए “मिशन हिम्मत” नामक राहत अभियान की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य बाढ़ प्रभावित परिवारों और बच्चों तक राहत सामग्री पहुँचाना और यह संदेश देना है कि हिमाचल उनके साथ मजबूती से खड़ा है।
मिशन हिम्मत के तहत राहत सामग्री से भरे कारवां को रयात बाहरा ग्रुप के वाइस चेयरमैन साहिल बाहरा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर श्री विनीत कुमार, रजिस्ट्रार, बाहरा विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र उपस्थित रहे और इस पुनीत कार्य के प्रति अपनी एकजुटता दिखाई।
मिशन हिम्मत की टीम में शामिल छात्रों और अधिकारियों ने कुल्लू जिले के सैंज क्षेत्र का दौरा किया, जहाँ वे सीधे प्रभावित परिवारों से मिले और उन्हें भरोसा दिलाया कि इस कठिन घड़ी में पूरा हिमाचल उनके साथ है।
राहत कार्य के दौरान टीम ने प्रभावित परिवारों को 200 से अधिक राहत किट वितरित कीं, जिनमें दैनिक उपयोग की वस्तुएँ, खाद्य सामग्री और शीतकालीन वस्त्र शामिल थीं। बच्चों की स्थिति को देखते हुए विशेष “स्टूडेंट किट” भी तैयार की गईं, जिनमें कॉपी, पेन, पेंसिल, स्केच पेन और शैक्षिक सामग्री उपलब्ध करवाई गई, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।
सर्दियों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय के छात्रों ने गर्म कपड़े भी एकत्र किए और ज़रूरतमंद परिवारों को बाँटे। टीम ने सरकार द्वारा स्थापित सभी राहत शिविरों का दौरा किया और प्रभावित लोगों से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया।
मिशन हिम्मत की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि यह अभियान पूरी तरह छात्रों द्वारा संचालित था। आवश्यक धनराशि विश्वविद्यालय और आस-पास के क्षेत्रों से एकत्र की गई। साथ ही कपड़ों और अन्य सामग्री का संग्रहण भी छात्रों ने स्वयं किया।
बाहरा विश्वविद्यालय ने हिमाचल प्रदेश सरकार, भारत सरकार और देशवासियों से अपील की है कि वे किसी भी संभव तरीके से बाढ़ पीड़ितों की मदद करें। हिमाचल – जिसे “देवभूमि” कहा जाता है – एक संवेदनशील और पवित्र भूभाग है, और इसे संरक्षित और सुरक्षित रखना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
बाहरा विश्वविद्यालय के चांसलर ने कहा:
“मिशन हिम्मत केवल राहत किट बाँटने का अभियान नहीं है, बल्कि यह उम्मीद बाँटने का प्रयास है – खासकर बच्चों के लिए। हम यह संदेश देना चाहते हैं कि हिमाचल एकजुट है और हम सब मिलकर और भी मज़बूत बनकर उठ खड़े होंगे।”
मिशन हिम्मत के माध्यम से बाहरा विश्वविद्यालय के छात्रों ने यह साबित किया है कि असली शिक्षा कक्षा से बाहर निकलकर समाज सेवा, संवेदनशीलता और ज़िम्मेदारी निभाने में झलकती है।
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