हाटी संगठन ने प्रदेश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, बेवजह ST दर्जा लागू करने में देरी करने और संसद का अपमान करने का लगाया आरोप

 

 

सरकार को दिवाली तक कानून लागू करने की दी मोहलत, अन्यथा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने की दी चेतावनी

शिमला .हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के हाटी समुदाय को केंद्र सरकार ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया. पूरी संवैधानिक प्रक्रिया के बाद इसको लेकर राष्ट्रपति की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई. लेकिन अब इसको लेकर हिमाचल में विवाद छिड़ा हुआ है. वहीं अब हाटी समुदाय ने भी प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सिरमौर हाटी विकास मंच ने प्रदेश सरकार पर संविधान और संसद का अपमान करने का आरोप लगाया. वहीं गिरीपार इलाके की जनता के लिए जल्द से जल्द अनुसूचित जनजाति दर्जा देने को लेकर बने कानून को लागू करने की मांग की. वहीं हाटी नेताओं ने ST सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया को भी जल्द शुरु करने की मांग की है. सिरमौर हाटी विकास मंच के प्रवक्ता रमेश सिंगटा ने बताया कि प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए बताया कि प्रदेश सरकार जानबूझकर प्रदेश के सिरमौर जिला की के हाटी समुदाय को जनजाति दर्ज देने को लेकर बने कानून को लागू करने में देरी कर रही है. रमेश सिंगटा ने कहा कि सरकार संविधान और संसद का अपमान कर रही है. उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि अब बातचीत का दौर खत्म हुआ. अब हाटी समुदाय सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा. रमेश सिंगटा ने कहा कि हाटी समुदाय सरकार को दिवाली तक का समय देता है, अगर दिवाली तक ST दर्जा लागू नहीं किया जाता है तो हाटी समुदाय सड़कों पर उतरेगा और महामहिम का दरवाजा खटखटाएगा. रमेश सिंगटा ने बताया की वहीं SC समुदाय अगर ST का हिस्सा नहीं बनना चाहता है तो उनकी इच्छा है और हाटी समुदाय को इसमें कोई आपत्ति नहीं है. मगर सरकार जिन लोगों को केंद्र सरकार की ओर से यह सौगात दी गई है उनके लिए जल्द से जल्द कानून को लागू करें. ताकि लाभार्थी व्यक्ति भी इसका लाभ उठा सकें.

बता दें जहां एक तरफ हार हाटी नेता जल्द से जल्द कानून को लागू करने और लाभार्थी व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति सर्टिफिकेट बनाने की सेवा शुरू करने की मांग कर रहे हैं. वहीं प्रदेश सरकार अधिसूचनाओं में विरोधाभास के चलते देरी होने को वजह बता रही है. वहीं इसी क्षेत्र की अनुसूचित जाति के लोग ST दर्ज न लेने को लेकर न्यायालय में है. लिहाजा हिमाचल प्रदेश में मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है.

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