एसजेवीएन के शेयर में पिछले 6 माह में 225 प्रतिशत की बढ़ौतरी 6 माह पहले 32.65 पैसे थी शेयर की वैल्यू अब 73.15 पैसे एसजेवीएन का शेयर

शिमला,। एस.जे.वी.एन के एक शेयर में पिछले 6 माह में 225 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। मौजूदा समय में एस.जे.वी.एन के एक शेयर की वैल्यू(कीमत)73.15 पैसे है। जबकि 6 माह पहले यह वैल्यू 32.65 पैसे थे। यह बात एस.जे.वी.एन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने शनिवार को आयोजित पै्रस वार्ता में पत्रकारों से संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि एस.जे.वी.एन के शेयर की वैल्यू बढ़ती जा रही है। जिसका लाभ कंपनी को ही नहीं बल्कि  भारत सरकार, हिमाचल सरकार व शेयर होल्डर को भी हो रहा है। उन्होंने कंपनी की शेयर के बारे में जानकारी देते कहा शेयर होल्डर ने  यदि 2 साल पहले कंपनी इनवैस्ट किया था तो उसय में एक शेयर की कीमत 27.95 थी। जिसकी वैल्यू अब 2.6 प्रतिशत अधिक वैल्यू हो गई है। वहीं 3 वर्ष पहले  कंपनी के शेयर की वैल्यू 21.20 पैसे जो अब साढ़े तीन गुणा बढ गई है।  उन्होंने कहा कि कपंनी के शेयर की कीमत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आज कंपनी 2100 मैगावाट की है और जब 7 साल बाद कंपनी 25 हजार मैगावाट की होगी तो एस.जे.वी.एन के साथ शेयर होल्डर का भी भविष्य उज्जवल होगा। उन्होंने कहा कि  स्टॉक मार्किंटंग  में भारत सरकार एक दो हफते पहले अपना शेयर और इक्यूटी 55 डयबूट किया है। वहीं हिमाचल सरकार को 26.8 प्रतिशत शेयर है। उन्होंने कहा कि एसजेवीएन का नेटवर्थ 14 हजार करोड़ का है। वहीं  कपंनी के एक शेयर के वैल्यू 73.15 पैसे है और हम पूरी कंपनी के शेयर के वैल्यू करें तो 28 हजार 750 करोड़ है।  उन्होंने कहा कि 2004 के बाद कंपनी लगतार शेयर होल्डर को डिविडेंट भी दे रही है। इस मौके परे  निदेशक कर्मिक  गीता कपूर,  निदेशक वित  ए.के सिंह और निदेशक परियोजना सुशील कुमार मौजूद रहे।
12 हजार को रोजगार दे रही एस.जे.वी.एन
नंदलाल शर्मा ने कहा कि  मौजूदा समय में प्रत्यक्ष रूप से 12 हजार और अप्रत्यक्ष रूप से 25 हजार लोगों को रोजगार दे रही है। उन्होंने कहा कि  जैसे कंपनी बिजली उत्पादन की क्षमता बढ़ती जाएगी और हाईड्रो,विंड और सौर उर्जा प्रोजेक्ट लगेंगे और लोगों को भी रोजगार दिया जाएगा।
जंगी.थोपन बिजली प्रोजेक्ट का इतिहास
जंगी थोपन प्रोजेक्ट का काम 17 साल यानी वर्ष 2006 से लटका हुआ है। वर्ष 2006 में राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट का टेंडर किया था और ब्रेकल को यह प्रोजेक्ट मिला। ब्रेकल ने इसका काम अदानी कंपनी को दिया और अदानी कंपनी से अपफ्रंट मनी की 280 करोड़ की राशि सरकार को मिली। उसके बाद ये प्रोजेक्ट रिलायंस को दिया गयाए लेकिन अपफ्रंट मनी के चक्कर में रिलायंस कंपनी भी पीछे हट गई। इसके बाद इस मसले पर तत्कालीन वीरभद्र सरकार ने 21 सितंबर 2016 को बड़ा फैसला लिया था। रिलायंस के पीछे हटने के बाद राज्य सरकार ने पीएसयू यानी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के साथ समझौता करने का फैसला कियाए जिसके बाद ये प्रोजेक्ट एसजेवीएन को सौंप दिया गया।
281 हेक्टेयर पर 5708 करोड़ होंगे खर्च
जंगी.थोपन बिजली  परियोजना पर अनुमानित 5708 करोड़ रुपए व्यय होने हैं। जानकारी के मुताबिक परियोजना के लिए अनुमानित 281.16 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगीए जिसमें से 247.12 हेक्टेयर भूमि वन भूमि होगीए जबकि 24.81 हेक्टेयर निजी भूमि तथा 9.23 हेक्टेयर बीआरओ व लोक निर्माण विभाग से उपलब्ध होगी। बता दें कि परियोजना के तहत जंगी गांव के नजदीक बांध प्रस्तावित हैए जबकि भूमिगत पावर  हाऊस का निर्माण काशंग नाला में किया जाएगा। परियोजना से कानमए जंगीए रारंगए मूरंगए स्पीलो व अकपा पंचायतें प्रभावित होंगी। परियोजना के तहत बनने वाली सुरंग आधुनिक तकनीक टीवीएम से बनाई जाएगी। प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक परियोजना निर्माण के समय प्रभावितों के हितों का पूरी तरह से संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।

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