अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई तो कंपनी को थमाया नोटिस आईजीएमसी के डिप्टी एमएस ने सुरक्षा कर्मियों कर्मियों पर कसा शिकंजा

 शिमला आईजीएमसी में सुरक्षा कर्मी व डिप्टी एमएस के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। बीते दिन सुरक्षा कर्मियों ने अन्याय के खिलाफ मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज उठाई थी, लेकिन एमएस ने सुरक्षा कर्मियों पर शिकंजा कस दिया है और सुरक्षा कर्मियों की कंपनी को नोटिस थमा दिया है। डिप्टी एमएस ने नोटिस के माध्यम से रैनवो कंपनी को कहा है की आपके कुछ सुरक्षा कर्मी प्रशासन के खिलाफ मीडिया में पत्राचार कर रहे हैं। जो कि विल्कुल गलत है। सुरक्षा कर्मियों पर कंपनी की तरफ से कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं सुरक्षा कर्मियों के प्रधान बबलू ने कहा कि जो कंपनी को नोटिस दिया है वह विल्कुल भी सही नहीं है। सुरक्षा कर्मियों को अपने अधिकारोें को सुरक्षित रखने का अधिकार है। सुरक्षा कर्मियों का आरोप है कि अगर प्रशासन ने फाइलों उठाने का काम करवाना है तो लेबर बुलाई जाए। सुरक्षा कर्मियों को फाइलें उठाने के लिए भर्ती नहीं किया गया है। सुरक्षा कर्मी फाइलें उठाने का काम विल्कुल भी नहीं करेंगे। अगर प्रशासन ऐसा करता है तो सुरक्षा कर्मी एकजुट होकर इसको लेकर आंदोलन भी करेंगे। प्रशासन अधिकारी द्वारा सुरक्षा कर्मी सचिन कुमार, सचिन सूद, अजय कुमार, विजय कुमार को फाइल के बड़े गत्थे उठाने को दिए गए। बहुत कड़े शब्दों में इन्हें कहा गया कि फाइलें उठाने का काम तुम्हारा है। सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि जब से सुरक्षा प्रभारी डा. अमन को बनाया गया है तब से सुरक्षा कर्मियों को बहुत परेशानी हो रही है। अध्यक्ष बबलू, महामन्त्री प्रवीण शर्मा, देवराज, सलाहकार सुरेंद्र, श्याम, सुशीला, दीपना, नीलम, श्रेया, मनीषा, रीना, तमन्ना, सचिन, साहिल, मनोज, रोहित, संदीप, अभिषेक, वीरेंद्र, सचिन सूद, सचिन कुमार, मनीष, पुनीत, दिनेश, दिनेश कुमार, उषा जमट्टा, पूजा, सुनीता, पूजा, शोजू राम व चमन आदि का कहना है कि हमने पहले भी सुरक्षा प्रभारी डॉ. अमन के बारे में लिखा था कि इन्हें सुरक्षा प्रभारी नहीं बनाया जाएगा। इन्हें तुरन्त बदला जाए। यह अपना दायित्व नहीं निभा पा रहे हैं। इसीलिए आउटसोर्स सुरक्षाकर्मियों को ये दिन देखने पड़ रहे हैं। अभी तक इसी अधिकारी द्वारा दो सुरक्षा कर्मियों का वेतन रोका है।

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