हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के फैसले,  मनरेगा श्रमिकों का भी स्वास्थ्य बीमा, लोकसेवा आयोग में नकल रोकने के लिए एक्ट, कई खाली पदों को भरने की मंजूरी

शिमला।।  बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं।  मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग को नकल को रोकने के लिए विश्वविद्यालय, बोर्ड हिमाचल प्रदेश कदाचार निवारण अधिनियम 1984 के दायरे में लाने का निर्णय लिया, ताकि उम्मीदवार योग्यता के आधार निष्पक्ष और पारदर्शी चयन सुनिश्चित किया जा सके।
मंत्रिमंडल ने 90,362 मनरेगा श्रमिकों, एकल नारी और 40 प्रतिशत से अधिक विकलांग व्यक्तियों, पंजीकृत स्ट्रीट वेंडरों और अनाथालयों में रहने वाले बच्चों को आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के दायरे में लाने का निर्णय लिया।हिमाचल प्रदेश के सभी 11 सिविल एवं सत्र मंडलों के साथ नालागढ़, सरकाघाट, सुंदरनगर और घुमारवीं उप मंडलों में संवेदनशील गवाह बयान केंद्रों के लिए विभिन्न श्रेणियों के 45 पदों के सृजन को मंजूरी दी।
बैठक में डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में जनरल मेडिसिन, पैथोलॉजी और रेडियोथेरेपी विभाग में सहायक प्राध्यापक के एक-एक पद भरने का निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने सिविल जजों के 10 पद सीधी भर्ती से भरने को भी मंजूरी दी। आयुष विभाग में अनुबंध आधार पर आयुर्वेदिक फार्मेसी अधिकारियों के बैचवार 15 पद भरने का भी निर्णय लिया गया। हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग के माध्यम से नियमित आधार पर हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाओं के नौ पदों को भरने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग, शिमला को हिमाचल प्रदेश, विश्वविद्यालय, बोर्ड या अन्य निर्दिष्ट परीक्षाओं में कदाचार की रोकथाम अधिनियम, 1984 (हिमाचल प्रदेश प्रिवेंशन ऑफ मालप्रैक्टिसिज एट यूनिवर्सिटी, बोर्ड ऑर अदर स्पेसिफाइड एग्जामिनेशन्ज एक्ट, 1984) के तहत लाने का निर्णय लिया गया ताकि किसी भी प्रकार के कदाचार पर रोक तथा उम्मीदवारों के चयन में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके. मंत्रिमंडल ने विरासत संबंधी मामलों के निष्पादन के लिए हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना, 2023 को आरंभिक तौर पर तीन माह की अवधि के लिए लागू करने का निर्णय लिया। योजना का उद्देश्य जीएसटी पूर्व काल में विभिन्न कानूनों के अंतर्गत आकलन के लिए लंबित लगभग 50 हजार मामलों का निस्तारण करना है। इस योजना से लघु एवं सीमांत व्यापारियों और अन्य करदाताओं को लाभ मिलेगा।
– मंत्रिमंडल ने 90,362 मनरेगा श्रमिकों, एकल नारी और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग व्यक्तियों, पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्ज और अनाथालयों में रहने वाले बच्चों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत लाने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के 9 पद नियमित आधार पर भरने को भी स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने राज्य के सभी 11 नागरिक एवं सत्र मंडलों तथा नालागढ़, सरकाघाट, सुंदरनगर और घुमारवीं उपमंडलों में अतिसंवेदनशील गवाह बयान केंद्रों (वल्नरेबल विटनेस डेपोजिशन सेंटर) में विभिन्न श्रेणियों के 45 पद सृजित करने को भी स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, हमीरपुर में रोगियों की सुविधा के दृष्टिगत जनरल मेडिसिन, पैथोलॉजी और रेडियोथेरेपी विभागों में सहायक प्रोफेसर के तीन पद भरने के लिए स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने सीधी भर्ती के माध्यम से सिविल जज के 10 पद भरने को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने आयुष विभाग में अनुबंध आधार पर आयुर्वेदिक फार्मेसी अधिकारियों के 15 पदों की बैचवाइज़ आधार पर भर्ती करने का निर्णय लिया।  मंत्रिमंडल ने प्रदेश के नगर निगमों की सीमा के भीतर गिरे हुए पेड़ों को हटाने तथा छंटाई-कटाई सम्बन्धी मामलों के निस्तारण के लिए एक मंत्रिमंडलीय  उप-समिति गठित करने का निर्णय लिया जिसमें उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह तथा लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह शामिल होंगे।

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