आरोपी छात्र की छात्रा से चंडीगढ़ में पढ़ाई के दौरान पहचान हुई थी। यह बात छात्र ने स्वयं कबूली है। हालांकि इसका छात्रा को कोई पता नहीं है। पुलिस पूछताछ में छात्र ने यह भी कबूला है कि नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (एन.टी.ए.) द्वारा एम.बी.बी.एस. में प्रवेश के लिए करवाई गई नीट के रिजल्ट के बाद सार्टिफिकेट में उसने स्वयं ही छेड़छाड़ की है।
पुलिस व आइजीएमसी प्रशासन ने इस मामले में पूरी सावधानी बरती। आरोपित के स्वजनों को पहले अस्पताल प्रशासन ने सूचित किया। उसके बाद पुलिस को लिखित शिकायत दी। पुलिस ने भी स्वजनों को पहले शिमला आने दिया। उनकी उपस्थिति में ही इसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस को अंदेशा यह था कि छात्र डर के मारे कोई गलत कदम न उठाए।
लैपटॉप, मोबाइल फोन सहित अन्य दस्तावेजों की हो रही जांचपुलिस आरोपित छात्र के मोबाइल फोन, लैपटॉप सहित अन्य दस्तावेजों की भी जांच कर रही है। पुलिस को अंदेशा है कि फर्जीवाड़ा अकेले करना आसान नहीं है। इसमें कुछ और आरोपित भी शामिल हो सकते हैं। इसलिए छात्र की कॉल डिटेल से लेकर लैपटॉप को भी जांचा जा रहा है। बहरहाल पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 467 व 68 के तहत मामला दर्ज किया है। जैसे जांच आगे बढ़ेगी पुलिस इसमें आईटी एक्ट की धारा भी लगाएगी।ऐसे सामने आया था मामला
एमबीबीएस में प्रवेश के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी प्रवेश परीक्षा का आयोजन करती है। प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों की राज्यवार मैरिट लिस्ट बनती है। कॉलेजों में कुल सीटों की 85 फीसद सीटें राज्य कोटे की होती है जबकि 15 फीसद सीटें ऑल इंडिया कोटे की होती है। अटल मैडिकल रिसर्च विश्वविद्यालय नेरचौक मंडी प्रदेश के सभी मैडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए काउंसलिंग करवाता है। आरोपित छात्र ने राज्य कोटे के आधार पर एडमिशन ली है। उसने एनटीए की वेबसाइट पर घोषित रिजल्ट से नेहा शर्मा नाम की छात्रा का सर्टिफिकेट डाउनलोड कर उसमें छेड़छाड़ कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इसी आधार पर वह काउंसलिंग में गया व उसका नंबर भी आ गया। कांसलिंग का पूरा रिकार्ड नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) को देना होता है। एनएमसी ने जब रिकार्ड को देखा तो एक एडमिशन फर्जी पाई गई। उन्होंने इसकी सूचना कॉलेज के साथ शेयर की। आइजीएमसी ने इसकी जांच कर छात्र का रिकार्ड चैक किया। छात्र काे कॉलेज से निष्कासित करने के बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए लक्कड़ बाजार चौकी को पत्र भेजा है।
एएसपी सुनील नेगी ने बताया कि
आरोपित छात्र ने अपना जुर्म कबूल लिया है। उसने माना कि उसने दाखिले के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। मामले की जांच चल रही है।
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