November 21, 2024

बेटी के इलाज लिए चाहिय  मदद, पुलिस विभाग नहीं दे रही मदद, रिटायर  जवान ने सरकार से लगाई गुहार  

.
शिमला:पुलिस विभाग से रिटायर हवलदार धर्मसुख बेटी के इलाज के लिए दर दर की ठाेकरें खाने काे मजबूर हैं। शिमला में पत्रकाराें से बात करते हुए धर्मसुख ने कहा कि उनकी बेटी काे सांस लेने में तखलीफ हाेने के कारण चंडीगढ़ के फाेर्टिस अस्पताल में भर्ती किया गया है। बेटी के इलाज के में  करीब अाठ लाख रुपय खर्च हो चुके  है, अभी एक जरुरी टेस्ट करवाना है उंसके लिए 1लाख 80 हाजर रुपए चाहिए । धर्मसुख ने अपना जीपीएफ निकालने के लिए अप्लाई किया  लेकिन प्रक्रिया पूरी होने में काफी समय लग रहा है।
उन्हाेंने कहा कि सरकार की अाेर से कहा गया कि मेडिकल क्लेम के तहत ये राशि मिलेगी, लेकिन पुलिस हेडक्वार्टर के चक्कर काटने के बावजूद भी मदद नहीं मिल पा रही है।  जीपीएफ के लिए भी अावेदन दिया गया है, वाे भी विभाग की अाेर से नहीं दिया जा रहा है। धर्मसुख का कहना है कि अगर उन्हें समय पर सहायता नहीं मिली ताे बेटी का इलाज नहीं हाे पाएगा।
धर्मसुख नेगी का कहना है कि वह 1988 में पुलिस में सिपाही  भर्ती हुआ था ओर 2012 में हवलदार बन गया
उनका कहना था की 2020 जुलाई में पुलिस विभाग से सेवा निव्रित हो गया है।
उनका कहना था कि उन्होंने अपने बिधायक जगत सिंह नेगी को भी अपनी पीड़ा सुनाई लेकिन उन्होंने विधानसभा में ब्यस्त होने का हवाला दिया
धर्मसुख का कहना है कि वह भीख नही मांग रहा अपना पैसा जो जीपीएफ में जमा किया है उंसके लिए हाथ पांव जोड़ रहा है लेकिन पुलिस हेडक़वाटर से लेकर सचिवालय ,विधानसभा तक चकर काट लिया कोई नही सुन रहा है उधर अस्पताल से उसकी पत्नी फोन कर रही कि डॉक्टर यहाँ टेस्ट के लिए पैसे मांग रहे है। उन्होंने डीजीपी व सरकार ने मांग की है कि कृपया उनके जीपीएफ को जल्दी दिलवा दे जिससे वह अपनी बेटी का समय पर ईलाज करवा सके।

About Author

You may have missed