शिमला।,,एचपीयू में एआरपी सिस्टम पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. 80 फीसदी छात्रों के फेल होने के बाद छात्र सड़कों पर हैं. इसी कड़ी में आज एसएफआई ने शिमला के पंचायत भवन से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक आक्रोश रैली निकाली और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
,,,एसएफआई के जिला सचिव बंटी ठाकुर ने बताया कि रूसा के बाद अब ईआरपी सिस्टम से 80 प्रतिशत छात्र फेल हो गए हैं. रूसा के लागू होने से 90 फीसदी छात्रों को इसका नुकसान भुगतना पड़ा था. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इआरपी सिस्टम पर 8 करोड़ से ज्यादा खर्च किया हैं लेकिन नतीजे शून्य हैं. इस प्रणाली में ऑनलाइन पीडीएफ ब्लर हो सकती हैं. अध्यापकों के पास इसके लिए पर्याप्त डाटा हैं या नहीं बिना इंफास्ट्रक्चर के यह सिस्टम लागू हुआ हैं.एसएफआई दो दिन का अधिवेशन करने जा रही हैं. उससे पहले रैली व प्रदर्शन कर इस प्रणाली को वापिस लेने की मांग कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जिस तरह की लूट और बैक डोर एंट्री कराई जा रही है। उसका ही परिणाम है कि छात्रों को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। पूरी साल की मेहनत को जब ठेके पर दिया जाता है तो इसी तरह के नतीजे आ सकते हैं। अब यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है छात्र आंसर शीट फिर से चेक करा सकता हैं। एक पेपर के 300 रुपए फीस रखी गई है। जो छात्र हर सब्जेक्ट में फेल हैं, उसे घरवालों से पैसे मांगने पड़ेंगे।
उनका कहना था कि संगठन लगातार ERP सिस्टम में व्याप्त कमियों को दूर करने की मांग कई सालों से कर रहे हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन को छात्रों के भविष्य से कोई लेना देना नहीं। रिजल्ट खराब आने की वजह से प्रदेश के हजारों छात्र मानसिक तनाव झेल रहें हैं। उसके लिए सिर्फ और सिर्फ एचपीयू जिम्मेदार है। अगर, समय से रिजल्ट की खामियों को दूर न किया गया तो प्रदेश के छात्र इकट्ठा होकर यूनिवर्सिटी का घेराव करेंगे।
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