वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण: सुभासीष पन्डा

 शिमला।राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर सूचना एवं जन संपर्क विभाग द्वारा आज यहां आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका विषय पर विचार-विमर्श सत्र आयोजित किया गया। इस अवसर पर सूचना एवं जन संपर्क विभाग के प्रधान सचिव सुभासीष पन्डा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। न्यूज़ वेबसाईट हिल पोस्ट के सम्पादक रविंद्र मखाईक और अमर उजाला के राज्य ब्यूरो प्रमुख सुरेश शांडिल्य कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे।
इस अवसर पर सुभासीष पन्डा ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस की बधाई देते हुए मीडिया से नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना का और संचार करने तथा बेहतरी के लिए निरंतर सकारात्मक बदलाव लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका बहुत अहम है। वर्तमान में तकनीक के उपयोग के साथ सूचना सम्प्रेषण में सुविधा और साधनों की बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन नई चुनौतियां भी सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र को सशक्त बनाने में मीडिया के विभिन्न माध्यम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मीडिया द्वारा उभारे गए सकारात्मक विषयों से हर व्यक्ति में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होता है। उन्होंने कोविड महामारी के दौरान मीडिया द्वारा सूचनाओं के संप्रेषण तथा नागरिकों में राष्ट्र की क्षमता पर विश्वास बनाए रखने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस दौर में मीडिया ने लोगों में राहत, भरोसे एवं विश्वसनीयता की भावना विकसित करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि बदलते परिदृश्य में मीडिया के समक्ष नई चुनौतियां भी सामने आई हैं और आधुनिकता एवं तकनीक के सही उपयोग के प्रति और अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज के सूचना एवं प्रौद्योगिकी के दौर में भी आपसी वार्तालाप उतना ही आवश्यक है क्योंकि इससे न केवल विचारों का आदान-प्रदान सुनिश्चित होता है बल्कि आपस में अधिक जुड़ाव भी महसूस होता है। उन्होंने कहा कि मीडिया हमारे आसपास घटित होने वाली घटनाओं एवं देश के बारे में हमारी समझ एवं चिंतन को एक नई दिशा देता है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के इस दौर में सूचना का प्रवाह बहुत बढ़ा है और सही सूचनाओं के संकलन में सकारात्मक सोच के साथ सचेत रहने की भी आवश्यकता है। उन्होंने मीडिया का राष्ट्र को एकजुट, सशक्त एवं प्रभावी बनाने में अपनी सार्थक भूमिका निभाने का भी आह्वान किया।

About Author