किन्नौर । आज़ाद भारत के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी का शनिवार तड़के निधन हो गया. वे 105 वर्ष के थे. नेगी ने बुधवार को ही कल्पा में अपने घर से पहली बार बैलेट पेपर से 14वीं विधानसभा के लिए 34 वीं बार मतदान किया था. पीएम मोदी ने भी देश के सबसे उम्रदराज मतदाता नेगी की प्रशंसा की है. पीएम मोदी ने कहा कि इससे नई पीढ़ी के लोग मतदान के लिए प्रेरित होंगे. गौरतलब है कि पहले नेगी ने कहा था कि वह मतदान केंद्र में जाकर मतदान करेंगे, लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते घर से ही वोट डालना पड़ा. 34वीं बार मतदान करने वाले नेगी ने पहली बार बुधवार को डाक मतपत्र के माध्यम से वोट डाला. जुलाई 1917 में जन्मे नेगी ने 1951 से लेकर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव में मतदान किया है। 2014 से हिमाचल के चुनाव आइकन भी हैं.
श्याम सरण नेगी ने 25 अक्तूबर 1951 में पहली बार सबसे पहले मतदान किया था और आजाद भारत के पहले वोटर बने थे. आजादी के बाद भारत में फरवरी 1952 में पहला आम चुनाव हुआ था. श्याम सरण नेगी का जन्म जुलाई 1917 को किन्नौर के कल्पा में हुआ. 10 साल की उम्र में स्कूल गए नेगी की पांचवीं तक की पढ़ाई कल्पा में हुई. इसके बाद पढ़ाई के लिए रामपुर गए. रामपुर जाने के लिए पैदल तीन दिन लगते थे।नौवीं कक्षा तक की पढ़ाई रामपुर में ही की. उम्र ज्यादा होने से 10वीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिला. श्याम सरण नेगी ने शुरू में 1940 से 1946 तक वन विभाग में वन गार्ड की नौकरी की. उसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए और कल्पा लोअर मिडल स्कूल में अध्यापक बने.
एक जुलाई, 1917 को कल्पा में जन्में श्याम सरण नेगी ने पहला वोट 25 अक्तूबर, 1951 को ब्रिटिश शासन की समाप्ति के बाद हुए पहले चुनाव में डाला था. कल्पा जनजातीय जिले का हिस्सा है. यहां बर्फबारी होने से पहले ही मतदान प्रक्रिया हो चुकी थी और श्याम सरण नेगी ने सबसे पहले वोट डाला था. देश में फरवरी 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ, लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के चलते पांच महीने पहले सितंबर 1951 में ही चुनाव हो गए. पहले चुनाव के समय श्याम सरण नेगी किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे और चुनाव में उनकी ड्यूटी लगी थी. इसलिए सुबह वोट देकर ड्यूटी पर जाने की इजाजत मांगी. वह सुबह-सुबह मतदान स्थल पर पहुंच गए और 6:15 बजे मतदान ड्यूटी पार्टी पहुंची. नेगी के निवेदन किया पर वोट देने की इज़ाज़त मिल गई. इस तरह श्याम सरण नेगी आजाद भारत के पहले मतदाता बन गए.
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