एचपीयू ईसी कोर्ट चुनाव में कॉंग्रेस औऱ माकपा ने बाजी मारी

शिमला।विधानसभा चुनाव की आहट से पहले हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के ईसी कोर्ट चुनाव में कांग्रेस माकपा समर्थित प्रत्याशियों ने दोनों पदों पर कब्जा किया है। बीजेपी समर्थित कर्मचारियों को हार का सामना करना पड़ा है। इस बार कांग्रेस और माकपा समर्थित कर्मचारियों ने भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को हराने के लिए साझा मोर्चा बनाया था।


ईसी के लिए सीधे मुकाबले में भाजपा समर्थित विपिन कुमार को 325 वोट मिले, वहीं कांग्रेस समर्थित राजकुमारी को 399 वोट पड़े। राजकुमारी 74 वोटों के अंतर से जीत दर्ज करने में सफल हुई हैं। 8 वोट अवैध घोषित किए गए। दूसरी ओर विवि कोर्ट के लिए भाजपा समर्थित बुद्धि राम को 339 वोट मिले और कांग्रेंस-माकपा समर्थित रामलाल को 382 वोट मिले। इस पद पर कड़ा मुकाबला रहा। कांग्रेंस-माकपा समर्थित प्रत्याशी 43 वोटों से जीत दर्ज करने में सफल रहे। 11 वाेट अवैध घोषित किए गए।

बीजेपी समर्थित प्रत्याशी कोई सीट भी नहीं बचा पाए
बीजेपी समर्थित प्रत्याशी कोई सीट भी नहीं बचा पाए हैं। खास बात यह है कि पूर्व ईसी सदस्य चौधरी वरयाम सिंह बैंस के बाद कोई भी प्रत्याशी अभी तक हैट्रिक नहीं लगा पाए हैं। पिछले साल भी भाजपा समर्थित प्रत्याशियों का ईसी में कब्जा था, लेकिन इस बार बीजेपी समर्थकों को हार का सामना करना पड़ा।

842 में 721 वोट पड़े, 85 फीसदी रही
 ईसी व कोर्ट चुनाव में कुल मतों 842 में से 721 वोट पड़े हैं। जिसमें से महज 19 वोट इनवैलिड पाए गए। सुबह 9 बजे से ही एचपीयू के सभागार में बनाए गए पोलिंग बूथ में कर्मचारियों की कतारें वोट डालने के लिए लगी रही। इस बार साेशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया गया।
दोपहर 12 बजे तक मात्र 30 फीसदी ही वोटिंग हुई। इसके बाद दोपहर 3.30 बजे तक यह आंकड़ा 85 फीसदी पहुंच गया। आखिरी आधे घंटे में अच्छी खासी वोटिंग हुई।
चौथी बार महिला प्रत्याशी चुनी
चौथी बार ईसी पद पर महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ी, वे जीत गई। माकपा और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों ने मिलकर चुनाव लड़ा। इस बार के ईसी व कोर्ट पद पर अनुभवी कर्मचारी नेताओं ने चुनाव लड़ा। माकपा प्रत्याशी काे काेर्ट पद दिया गया था। माकपा प्रत्याशी रामलाल इस बार कोर्ट पद पर जीत गए।

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