शिमला। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)लोकल कमेटी शिमला ने आज केन्द्र सरकार द्वारा खाद्य पदार्थों व आवश्यक वस्तुओं पर G S T लगाने व मंहगाई बढाने के विरोध में जिलाधीश कार्यलय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। माकपा के जिला सचिव जगत राम ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार ने आजादी के 75 साल में पहली बार आटा, चावल, दाल,पनीर, दूध, दही,मांस, मछली व गुड़ आदि खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाया है।खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाने से इनके दामों में बढोतरी होगी जिससे आम जनता को दो वक़्त की रोटी खाना मुश्किल हो जायेगा ।
उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझ कर बड़े कारपोरेट व उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिये मंहगाई को बढ़ा रही है। सरकार अमृत महोत्सव के चलते आम जनता को राहत देने के बजाय उनके अधिकारों पर क्रूर हमले कर रही है।जिससे जनता का जीना मुश्किल हो गया है। रसोई गैस, डीजल,पेट्रोल,कपड़ा,शिक्षा, स्वास्थ्य व जिंदा रहने के लिये आवश्यक समान को लगातार मंहगा किया जा रहा है। दूसरी तरफ कारपोरेट घरानों को करों में छूट दी जा रही है। कारपोरेट घरानो के 11 लाख करोड़ के बैंको से लिये कर्ज माफ कीय गए है।उन्हें बेलआउट पैकेज देकर भारी मुनाफा कमाने और जनता की लूट करने की खुली छूट दी जा रही है। कारपोरेट घरानों को दी जा रही छूट से राजस्व को जो घटा होता है उसे पूरा करने के लिये सरकार द्वारा आम जनता पर भीषण प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर लगाए जा रहे है। सरकार आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सब मना रही है। मोदी सरकार अमीरो के लिये फायदे पहुंचा कर अमृत वर्षा कर रही हैं जनता के लिये तो लूट के उत्सब है।
सरकार ने होटल उद्योग पर 12%GST लगा दिया जिससे पर्यटन उधोग पर विपरीत प्रभाव पड़ेंगे।यहां तक मोदी सरकार ने अंत्येष्टि सामग्री कफ़न आदि पर भी GST लगा कर देश वासियों से भदा क्रूर मजाक किया है। सरकार की निजीकरण की नीतियों की बजह से रोजगार में भारी कमी आई जून माह में 1 करोड़ 40 लाख रोजगार कम हुये जो चिंता का विषय है। CPIM ने कहा कि जनता को जिंदा रहने की वस्तुओं पर 5%से 18%GST लगाया गयाहै । दूसरी तरफ सोने कि खरीद पर3%और हीरे की खरीद पर 1.5%GST लगाई गई है। यह मोदी सरकार की अमीरों को छूट और गरीबों की लूट करने की नीति है। CPIM लोकल कमेटी ने सरकार से मांग की है कि बड़े कारपोरेट घरानों को टैक्सों में छूट, लोन माफी व अन्य रियायतें देना बंद करें। उनसे ज्यादा कर वसूले जाय। *खाद्य वस्तुओं में लगाई गई GsT को वापिस लिया जाय।* *मंहगाई को कम करने और जनता को राहत देने के लिये उचित कदम उठाए जाए।रसोई गैस के दामों में की गई बढ़ोतरी को वापिस लिया जाय।
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