December 13, 2024

सेवाओं को रेगुलर ना किया तो विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है खामियाजा:अमीन चंद

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सेवाओं को रेगुलर ना किया तो विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है खामियाजा:अमीन चंद

शिमला। एनएचएम अनुबंध कर्मचारी संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।संघ ने सरकार को अपनी मांगो को लेकर अल्टीमेटम दिया है। संघ सरकार से अपनी सेवाओं को रेगुलर करने और रेगुलर पे स्केल देने की मांग कर रहा है।वीरवार को शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमिन चंद शर्मा ने कहा कि वह पिछले 24 सालों से सरकार को अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन सरकार ने आज तक उनकी इन दो मांगों को नहीं माना है।उन्होंने कहा कि राज्य स्वास्थ्य समिति के अंतर्गत आने वाले डॉक्टर स्टाफ नर्स लैब टेक्नीशियन फार्मेसिस्ट ऑफिस स्टाफ लगातार पिछले 24 सालों से इस सरकार से रेगुलर करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है जिसके चलते कर्मचारियों में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए वे दिन-रात संकट की घड़ी में काम कर रहे हैं बावजूद इसके उनकी जायज मांगों को नहीं माना जा रहा है। उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि केवल खाली आश्वासन देकर सरकारी अपना पल्ला झाड़ रही है। संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कोई उचित निर्णय नहीं लिया गया तो संघ को मजबूरन आंदोलन रास्ता अपनाना पड़ेगा जिसकी सारी जिम्मेदारी केवल सरकार की होगी।उन्होंने कहा कि हम उस सरकार का ही साथ देंगे जो हमारे लिए नीति बनाएगी ओर हमारी मांगे पूरी करेंगी उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगे नही मानती है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार को इसका खामियाजा भुक्तना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि वह अपनी इन मांगो को लेकर कई बार मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों से मिल चुके हैं लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है। संघ ने सरकार से मांग की है कि समग्र शिक्षा अभियान की तर्ज पर एनएचएम के कर्मचारियों को भी लाभ मिले जिसके चलते समिति का निर्णय 23 जून को सरकार की अनुमति के लिए भेजा जा चुका है जो स्वास्थ्य विभाग के पास काफी समय से विचाराधीन है।उन्होंने कहा कि सरकार 24 वर्षों से कोई भी स्थाई नीति नहीं बना पाई है। उन्हाेंने बताया कि मार्च 2016 में सरकार ने एक अधिसूचना तक जारी कर दी थी परंतु वहां भी एनएचएम कर्मचारियों को नजरंदाज किया गया। उन्हाेंने कहा कि विभाग में हजाराें पद खाली है, जिन्हें एनएचएम कर्मचारियाें से भरा जा सकता है।

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