एनएचएम कर्मचारियो का एमडी को 2 दिन का अल्टीमेटम ,मांगे न मानी तो एमडी का होगा घेराव

शिमला।एन.एच.एम. अनुबंध कर्मचारियों ने अब मांगे पूरी ना होने को लेकर मिशन निदेशक कार्यालय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने यह प्लान तैयार कर दिया है कि अगर दो दिन के अंदर उनकी मांगों को लेकर तैयार किया गया ड्राफ्ट मिशन निदेशक कार्यालय से सरकार को नहीं भेजा तो मिशन निदेशक कार्यालय शिमला का घेराव होगा। राज्य स्वास्थ्य समिति एन.एच.एम. अनुबंध कर्मचारी संघ के राज्य अध्यक्ष अमीन शर्मा ने कहा कि यदि एन.एच.एम. कर्मचारियों के लिए कमेटी द्वारा बनाया ड्राफ्ट दो दिन के अंदर अगर सरकार को नहीं भेजा तो मजबूरन एन.एच.एम. कर्मचारीयों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा एन.एच.एम. कर्मचारी संघ व सरकार के बीच हुई वार्ता में सरकार ने इन कर्मचारीयों के लिए स्थाई नीति बनाने के लिए एक पांच मेंबरी कमेटी का गठन कर 3 माह का समय मांगा था, जो की 8 मई को पूरा हो चुका है। इसके वावजूद कर्मचारी आज नहीं तो कल ड्राफ्ट सरकार को चला जाएगा, उम्मीद लगाए बैठे थे और बार बार मिशन निदेशक से ड्राफ्ट को जल्द से जल्द सरकार को भेजने की कई बार गुहार भी लगा चुके हैं परंतु फिर भी ड्राफ्ट सरकार को न भेजे जाने के चलते अब इन कर्मचारीयों के सब्र का बांध भी टुटने लगा है। ज्ञात रहे एन.एच.एम. के अंतर्गत हिमाचल में लगभग 1700 कर्मचारी विभिन्न पदों पर स्वास्थ्य विभाग में पीछले 23 वर्षों से अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं। जिसके चलते इन्होंने 2 व 3 फरबरी को हड़ताल का रास्ता भी अख्तियार किया था जिसके वावजूद सरकार ने इनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए 3 माह के अंदर एक ड्राफ्ट त्यार करने का निर्णय सरकार ने लिया था और इन कर्मचारीयों से वादा भी किया था परंतु लगभग 5 माह हो गए है, जिसके बावजूद अब कर्मचारी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। संघ ने एन.एच.एम. कार्यालय पर ड्राफ्ट को सरकार के समय रहते नहीं भेजने का आरोप लगाया और उन्होंने कहा की यदि दो दिन के अंदर मिशन निदेशक कार्यालय ने ड्राफ्ट सरकार को नहीं भेजा तो शीघ्र ही मिशन निदेशक कार्यालय का घेराव हिमाचल प्रदेश के कर्मचारीयों द्वारा 23 जून 2022 को हिमाचल प्रदेश के समस्त कर्मचारीयों द्वारा शिमला आकर किया जाएगा और यदि बात नहीं बनती है तो कर्मचारी हड़ताल पर जाने का फैसला भी उसी दिन शाम को शिमला से ही तय करेंगे, जिसके लिए मात्र हिमाचल प्रदेश सरकार व कमेटी की नजरंदजी ही जिम्मेवार होगी।

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