हिमाचल में बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, पढ़े आइजीएमसी में कितने मरीज पहुंच रहे प्रतिदिन

शिमला।आई.जी.एम.सी. में सलाना 3500 से 4 हजार के बीच हार्ट अटैक के मरीज आते है। हार्ट अटैक से 100 में से 10 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है। आई.जी.एम.सी. में एक दिन में 6 से सात मरीज हार्ट अटैक के आते है। हार्ट अटैक का मुखय कारण तंबाकू का सेवन करना व डाईट में बदलाव होना है। ध्यान रहे कि अगर किसी मरीज को हार्ट अटैक पड़ता है, तो उसे 1 से 2 घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाए। मरीज को इस समय अवधि के अंदर अस्पताल पहुंचा लिया तो उसे तीन फायदे होगे। एक तो मरीज की जान बचेगी दूसरी ओर मरीज को समय इंजैक्शन लगेगा, तीसरा फायदा यह है कि मरीज को स्टंड भी नहीं डलेंगी। आजकल हार्ट अटैक बीमारी में बढ़ौतरी हो रही है। कई मरीज हार्ट अटैक से जान गवां चुके है। यह एक ऐसी बीमारी है अगर समय रहते किसी मरीज को अस्पताल न पहुंचाया जाए तो इससे मौत हो जाती है। इस बीमारी को लेकर अब चिकित्सक भी अर्लट हो गए है। हार्ट अटैक के मरीजों को पैनेक्टीप्लेज इंजैक्शन लगता है जो कि 45 हजार रूपए का होता है, लेकिन सरकार ने अस्पतालों में यह इंजैक्शन निशुल्क किया है।
शिमला जिला में दो सालों के अंदर 600 मरीजों का हुआ उपचार
डॉक्टरों द्वारा जिला शिमला के आई.जी.एम.सी. में 2 सालों के अंदर 600 मरीजों का उपचार किया गया है। जिला में आई.जी.एम.सी. के साथ 20 सैंटरों को लिंक किया गया है। ताकि समय रहते ही मरीजों का उपचार शुरू हो सके।
हार्ट अटैक पडऩे पर दी जाती है 40 मिलीग्राम डोज
मरीज को पैनेक्टीप्लेज इंजैक्शन की 40 मिलीग्राम डोज दी जाती है। अब एक और राहत वाली बात यह है कि अब तो ब्रेन स्ट्रोक के मरीज की जान बचाने के लिए भी पैनेक्टीप्लेज को शुरू कर दिया है। ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को इसकी 20 मिलीग्राम डोज दी जाती है। डाक्टरों का मानना है कि इस इंजैक्शन से मरीज की जान बचाई जा रही है।
इन लक्षणों के दिखाई देने पर शीघ्र अस्पताल लाए मरीज
सीने में दर्द होना, थकान महसूस होना, सांस फूलना सहित चक्क र या मितली आना आदि हार्ट अटैक के लक्षण है। लोगों को पूरी कोशिश करनी चाहिए की जल्द से जल्द मरीज को अस्पताल पहुंचाए।
सुबह के समय पड़ता है ज्यादा हार्ट अटैक
डाक्टरों का कहना है कि सुबह के समय में हार्ट अटैक पडऩे की ज्यादा संभावना होती है। वैसे दिन के समय व रात को भी हार्ट अटैक पड़ता है। इन दिनों अस्पताल में मरीजों का आना जारी है। डाक्टर भी मरीजों को देखने में कोई कोताही नहीं बरत रहे है। लोगों को सरकार द्वारा हार्ट अटैक से बचने के लिए दी जा रही निशुल्क सुविधा का लाभ उठाना चाहिए।
हार्ट सर्जरी से नहीं डरे लोग
इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को अब हार्ट सर्जरी के नाम से नहीं डरना चाहिए, क्योंकि इसमें होने वाले खतरे काफी हद तक कम हो गए हैं। अब स्किल्स बेहतर हो गई है और तकनीक बहुत एडवांस्ड है। डॉक्टर्स, कार्डियोलॉजिस्ट, कार्डियक सर्जस, फिजिशियन और बाकी स्पेशलिस्ट मरीज पर एक टीम की तरह काम करते हैं। बीटिंग हार्ट सर्जरी, मिनिमल इनवेसिव सर्जरी, रोबोटिक सर्जरी जैसी एडवांस्ड तकनीक और आर्टिफिशल हार्ट की उपलब्धता ने रिस्क और भी कम कर दिया है। इसलिए किसी भी लोगों को हार्ट सर्जरी से नहीं डरना चाहिए।

हार्ट अटैक से बचने के तरीके
लोगों को सुबह के समय में जल्द ही जागना चाहिए और रोजाना व्यायाम करना चाहिए। वहीं ज्यादा हेबी भोजन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जितनी शरीर में क्षमता हो उसके अनुसार ही भोजन लेना चाहिए। ऑयल का कम प्रयोग करना चाहिए। दिल के बीमारी से बचने के लिए योगा जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति योगा करता है तो दिल की आधे से ज्यादा बीमारी दूर हो जाती है। जो लोग इस बीमारी से ग्रस्ति हो चुके है उन्हें फल अधिक खिलाए। तंबाकू व शराब का सेवन करने से बचे। लोगों को बलड, शूगर व कैलस्ट्रोल की निरंतर जांच करवानी चाहिए।

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