शिमला में लगातार पानी की समस्या बनी हुई है। लोगों को पांचवें दिन भी पानी नहीं मिल रहा है। ऐसे में अब लोगों का गुस्सा फूट रहा है और वह सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने लग गए हैं। बुधवार को CPIM की शिमला लोकल कमेटी ने पानी के मुद्दे को लेकर डीसी ऑफिस के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पानी की सप्लाई देने वाली SJPNL कंपनी और नगर निगम नाकाम रहे हैं। बरसात के दौरान जहां पानी की कोई कमी नहीं है, इसके बावजूद भी शहर के लोगों को पांचवें दिन भी पानी नहीं मिल रहा है। इससे साबित होता है कि मिस मैनेजमेंट के कारण लोगों को प्यासा रहना पड़ रहा है। आरोप है कि SJPNL कंपनी की ओर से गाद आने का बहाना बनाया जाता है, लेकिन करोड़ों रुपए की मशीनें पानी को साफ करने के लिए लगाई गई है, इसके बावजूद भी लोगों को साफ पानी क्यों नहीं मुहैया कराया जा रहा है।
माकपा की लोकल कमेटी के सचिव जगत राम ने कहा कि भाजपा समर्थित नगर निगम और नगर निगम की SJPNL कंपनी पूरी तरह से पानी की सप्लाई करने में फेल रही है। लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है और उन्हें अब तक टेंकर पर निर्भर रहना पड़ रहा है। ऐसे में भाजपा समर्थित नगर निगम को इस मामले में जवाब देना चाहिए।
टूरिस्ट खरीदकर पी रहे पानी
CPIM शिमला कमेटी ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार टूरिस्टो को शिमला लाने का बड़े-बड़े दावा करती है। जो टूरिस्ट यहां आते हैं, उनको पीने तक का पानी मुहैया नहीं करवाया जाता है। जिस होटल में टूरिस्ट जाते हैं, वहां पर उन्हें पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है।क्योंकि, होटलों में भी पानी की सप्लाई नहीं दी जा रही है। CPIM का आरोप है कि शिमला से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में तो पिछले 20 दिनों से पानी ही नहीं दिया गया है। ऐसे में सरकार को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और नगर निगम से जवाब तलब किया जाना चाहिए।
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