शिमला:आईजीएमसी में चल रहे लंगर विवाद पर सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं सरकार ने एडीएम शिमला लॉ एंड ऑर्डर राहुल चौहान को लंगर विवाद पर जांच के आदेश दिए हैं जांच कमेटी 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी की सरकार की ओर से जारी आदेश में यह कहा गया है कि लंगर मामले में सभी पहलुओं की
जांच की जाएगी। इसमें लंगर वाली जगह कैसे अलॉट हुई वर्तमान स्थिति क्या है। सरकार ने जनहित मैं यह फैसला लिया है मजिस्ट्रेट जांच में है यह साफ हो जाएगा की वास्तविक स्थिति क्या है।
गोरतलब है कि
आईजीएमसी में शनिवार 4 सितंबर दोपहर बाद कैंसर अस्पताल के समीप चल रहे लंगर में विवाद खड़ा हो गया। आईजीएमसी प्रशासन ने लंगर लगाने वाली जगह को अवैध बता कर खाली करवा लिया। यही नही प्रशासन ने जब जांच की तो सामने आया कि वहाँ लगे बिजली पानी के कनेक्शन अवैध चल रहे है।।
इसी पर कार्रवाई करते हुए आईजीएमसी प्रशासन ने शानिवार दोपहर अपने सुरक्षा कर्मियों को भेज खाली कराने को कहा इसी दौरान वहां धक्का मुक्की भी हो गयी । सूचना मिलते नही क्यूआरटी ने मोर्चा संभाला ओर शांत करवाया।।
आईजीएमसी के एमएस डॉ जनक राज के नेतृत्व में अस्पताल प्रशासन मोके पर पहुंचा ओर निजी संस्था से जब पूछा कि आपके पास कोई कागज है अस्पाल की संपत्ति पर लंगर लगाने की तो संस्था में काम कर करने वालो ने संतोष जनक जवाब नही दिया । एमएस ने जब पूछा कि बिजली पानी का मीटर कहा है तो उसका भी जवाब नही दिया।
एमएस ने बिजली विभाग को निर्देश दिए कि वह मीटर चेक करे और यदि अवैध है तो तुरन्त काट दे।
गोरतलब है कि कैंसर अस्पताल के समीप एक निजी संस्था पिछले 6 सालों से लंगर लगा रही है जिसमे।मरीजों , तीमारदारों को निशुल्क खाना दिया जाता रहा है।
जनवरी में भी यह मुद्दा उठा था तब लंगर चलाने वाले सरबजीत सिंह बॉबी ने कहा था कि 31 मार्च 2021 को यह लंगर छोड़ कर चले जाएंगे।
लेकिन अभी भी लंगर जारी है।
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