मनरेगा के टैंक में डूबने से 12 वर्षीय नमन की मौत, गाय चराने गया था जंगल में, मां बाप का था इकलौता बेटा

शिमला :करसोग में एक युवक मनरेगा के टैंक में डूबने से मौत हो गई। जो माता पिता का इकलौता बेटा था। लोगों ने इसकी सूचना थाना को दी। जिस पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। जिसके बाद शुक्रवार को सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करने के बाद शव को परिजनों के सपुर्द किया गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक शाहोट पंचायत का नमन पुत्र चिरंजीलाल उम्र 12 वर्ष वीरवार को गाय चराने जंगल गया गया। शाम के समय गांव के कुछ लोगों ने उससे मनरेगा के तहत बने टैंक में साइड में लेटे हुए पाया। नजदीक जाने पर पाया कि नमन की मौत हो चुकी थी। जिसे लोगों ने टैंक से बाहर निकाला और इसकी सूचना पूर्व प्रधान एवं रिटायर्ड कैप्टन  उमादत्त चौहान को दी गई। इस पर  टेलीफोन  के माध्यम से उमादत्त चौहान ने थाना करसोग को सूचना दी। जिस पर एएसआई हेतराम की अगुआई में पुलिस की टीम घटना स्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल में पोस्टमार्डम करवाया गया। पांव पिसलने से जिस टैंक में गिरने से नमन की मौत हुई है। ये टैंक मनरेगा के तहत वन विभाग की भूमि पर पशुओं और जंगली जानवरों को पानी पिलाने के लिए बनाया गया था। टैंक का निर्माण पंचायत के कहने पर वन विभाग में किया था, जो चारों ओर से खुला था। जिस वजह से  पांव पिसलने से नमन सीधे टैंक में डूब गया। नमन माता पिता का इकलौता बेटा था। ऐसे में निहति के क्रूर हाथों ने मां बाप का जीने का सहारा भी छीन लिया।  उमादत्त चौहान की सूचना पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।  परिजनों ने हत्या की कोई शंका नहीं जताई है।  डीएसपी गीतांजलि ठाकुर ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मामला दर्ज कर सीआरपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई की जा रही है।
ग्राम पंचायत शाहोट के प्रधान शेर सिंह ने बताया कि पंचायत के तहत एक युवक नमन की मनरेगा के टैंक में गिरने से मौत हो गई। इस दुखद घटना पर विधायक ने 5 हजार और प्रशासन ने 15 हजार की राहत राशि दी है। ये एक बहुत ही गरीब परिवार है। इसलिए परिवार को और सहायता राशि दी जानी चाहिए। उन्होंने टैंक की पेसिंग किए जाने की भी मांग की है। ताकि भविष्य में ऐसी घटना न घटे।

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