चिकित्सको ने मांगों को लेकर की पेन डाउन स्ट्राइक अस्पताल परिसर पर मौन प्रदर्शन।

शिमला
प्रदेश में।चिकित्सकों ने अपनी।मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
चिकित्सकों की पेन डाउन स्ट्राइक के चलते आज अस्पतालों में मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शिमला में।डीडीयू अस्पताल में मरीज आज सुबह से ही ओपीडी के बाहर चिकित्सकों के इंतजार में बैठे रहे।
हिमाचल प्रदेश में सोमवार को चिकित्सकों की दो घंटों की पेन डाउन स्ट्राइक रही इस दौरान स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई। सुबह 9:30 से 11:30 बजे तक डॉक्टर पेन डाउन स्ट्राइक पर रहे। हड़ताल के साथ ही चिकित्सकों ने अस्पताल परिसर गेट पर हाथों में पोस्टर  पकड़कर मौन प्रदर्शन किया और विरोध जताया।
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इस लिए किया जा रहा विरोध
एसोसिएशन के महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया कि उनकी मुख्य मांग पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर है।
पंजाब वेतन आयोग के तहत डॉक्टरों का प्रैक्टिसिंग अलाउंस 25 से 20 फीसदी कर बेसिक वेतन से डी-लिंक करने का डॉक्टरों में रोष है। डॉ. वर्मा ने कहा कि डेंटल मेडिकल अफसर संघ, आयुर्वेदिक मेडिकल अफसर संघ, वेटरनेरी अफसर संघ के साथ मिलकर एक मजबूत योजना बनाई जाएगी और इन सिफारिशों का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
    इसके अलावा चिकित्सको के साथ हो रही दुर्व्यवहार की घटनाओं की बाजी वह निंदा करते है।उन्होंने कहा कल्ड से आरडीए डॉक्टर भी उनके साथ शामी होकर इन नीतियों का विरोध करेंगे।
चिकित्सको की यह हड़ताल प्रदेश के सभी 12  जिला अस्पतालों में किया गया जिसके कारण प्रदेश में सोमबार को सभी मरीजो को 2 घण्टे ईलाज के लिए भटकना पड़ा।
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ये चिकित्सक कर रहे विरोध
डॉ वर्मा ने बताया की चिकित्सको की पेन डॉउन हड़ताल में  डेंटल मेडिकल ऑफिसर संघ, आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर संघ, वेटनरी ऑफिसर संघ के साथ मिलकर एक मजबूत योजना बनाई जाएगी और इन सिफारिशों का पुरजोर विरोध किया जाएगा। उनका कहना है कि दूसरा ज्वलंत मुद्दा मीटिंग में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज के साथ दुर्व्यवहार का और उनके परिवारों को मानसिक तनाव देने का रहा। जिसमें चंबा जिला के ज्वलंत उदाहरण को शामिल किया गया। इसमें सभी ने एकमत से अपनी सहमति जताई कि इस पर सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों को कठोर से कठोर संदेश दिया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह से कोई भी मेडिकल ऑफिसर पद की गरिमा और व्यक्तिगत स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने की हिम्मत ना करें। सभी ने एकमत से यह पारित किया कि सरकार को यह प्रार्थना की जाएगी वह तुरंत इन प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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