शिमला।राजधानी के मालरोड पर स्थित है सदियों पुराना ऐतिहासिक शिव मंदिर। मान्यता के अनुसार यह मंदिर 500 साल पुराना है और मंदिर में जो शिवलिंग है वह स्वयंभु है यानि जमीन से खुद प्रकट हुए थे। मंदिर में प्रतिवर्ष शिवरात्रि पर तीनो पहर विशेष पूजा अर्चना होती है। मंदिर में शिवरात्रि पर मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है और पहले मंदिर में पूजा होती है उसके बाद लोगो के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाते है। मंदिर के पुजारी प्रयाग दत्त शर्मा ने बताया कि मदन गिरी नामक श्रद्धालु ने संबत 1842 में मंदिर का निर्माण करवाया था उससे पहले शिवलिंग खुले में था। उसके बाद समय -समय पर मंदिर का जिवरणोधर होता रहा और अब एक भब्य मंदिर बन गया है।
क्यो की यह मंदिर 500 साल पुराना है ।यहाँ अंग्रेज भी इस मंदिर में आकर पूजा अर्चना करते थे। अब भी जब इंग्लैंड से कोई विदेशी यहाँ घूमने आता है तो माल रोड स्थित शिव मंदिर में जरूर आता है । मंदिर के पुजारी ने बताया कि अंग्रेज खुद बताते है कि इस मंदिर का जिक्र अंग्रेज कर चुके है कि उनके पूर्वज भी यहाँ मंदिर में पूजा अर्चना करने आए है।और वह इसके महत्व को बताते है।
मान्यता के अनुसार जो भी श्रद्धालु सच्ची श्रद्धा से मंदिर में पूजा अर्चना करता है उसकी हर मनोकामा पूरी होती है। शिवरात्रि के अवसर पर शिव विवाह का आयोजन किया जायेगा मंदिर में कम जगह होने के कारन शिव विवाह कार्यकम राम मंदिर में आयोजित किया जायेगा।
पुजारी प्रयाग दत्त का कहना था कि पहले शिवरात्रि पर भारी बर्फ़बारी हुआ करती थी लेकिन श्रद्धालुओ का तांता तब भी लगा होता था और लोग दूर ,दूर से आकर पूजा अर्चना करते थे। अब भी शिवरात्रि के दिन मन्दिर में लम्बी भीड़ भक्तो की लगी रहती है और श्रद्धालु अपनी बारी का
इंताजर कर मंदिर में जा कर पूजा अर्चना करते है।
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