शिमला – अपने नवीकरणीय ऊर्जा मिशन में विशाल कदम बढ़ाते हुए एसजेवीएन ने राजस्थान में आगामी 5 वर्षों में 10000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने का आशय व्यक्त किया है। राजस्थान सरकार ने एसजेवीएन के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है तथा इस संबंध में शीघ्र ही एमओयू हस्ताक्षरित किए जाएंगे।
इस संबंध में आज जयपुर में एक एमओयू/एलओआई साईनिंग समारोह में माननीय मुख्यमंत्री, अशोक गहलोत की गरिमामयी उपस्थिति में एसजेवीएन के आशय पत्र (एलओआई) तथा आगामी स्वीकृति पत्र को एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नन्द लाल शर्मा तथा राजस्थान सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, विद्युत, तथा सीएमडी, आरआरईसीएल, सुबोध अग्रवाल द्वारा आदान-प्रदान किया गया। इस अवसर पर एसजेवीएन तथा राजस्थान सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने अवगत कराया कि एसजेवीएन का राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा आबंटित लैंड बैंक्स पर 10,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं/पार्कों की स्थापना करने का इरादा है। एसजेवीएन द्वारा इन परियोजनाओं के विकास पर 50,000 करोड़ रुपए के अनुमानित निवेश का प्रस्ताव है। वाणिज्यिक उत्पादन चरणबद्ध तरीके से आरंभ होगा तथा उत्पादित विद्युत को निकटतम सब-स्टेशनों के माध्यम से लाभार्थियों को उपलब्ध करवाया जाएगा। उत्पादित विद्युत के लिए बाजार में उपलब्ध प्रतिस्पर्धी टैरिफ आधारित अवसरों के माध्यम से विद्युत क्रय समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इन परियोजनाओं से परियोजना क्षेत्रों में सामाजिक एवं आर्थिक विकास होगा तथा लगभग 15,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि भारत सरकार की वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावॉट स्थापित क्षमता हासिल करने की प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर, एसजेवीएन ने अपने बिजनेस मॉडल का पुनर्गठन किया है और अपने नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो को विकसित करने पर बल दिया है। “एसजेवीएन ने राजस्थान में सौर ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने का प्रस्ताव दिया है क्योंकि राज्य में देश की सबसे बड़ी संभावित सौर विद्युत क्षमता है। राजस्थान राज्य उच्चतम सौर विकिरण (5.72 केडब्ल्यूएच/प्रति वर्ग मी. स्क्वेयर/प्रति दिन) प्राप्त करता है तथा एक वर्ष में 325 से अधिक धूप वाले दिनों की उच्चतम संख्या भी रखता है। सौर परियोजनाओं को विकसित करने के लिए यह सभी फैक्टर हमारे पक्ष में हैं।”
शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन के पोर्टफोलियो में 2750 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं हैं। उन्होंने आगे कहा कि कंपनी ने हाल ही में अपने साझा विजन में बढ़ोत्तरी करते हुए वर्ष 2030 तक 25,000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता का लक्ष्य रखा है। लक्ष्यों का संशोधन एसजेवीएन को भारत तथा विदेशों में और अधिक विद्युत परियोजनाएं प्रदान किए जाने का ही परिणाम है।
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