शिमला। प्रदेश में दो दिनों से चली आ रही एनएचएम कर्मचारियो की हड़ताल गुरुवार शाम को वापिस ले ली है। गुरुवार शाम।को एनएचएम कर्मचारियो की स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल के साथ एक बैठक हुई । बैठक में स्वास्थ् मंत्री ने अश्वाशन दिया कि उनकी मांगो के लिए 3 महीने के अंदर एक कमेटी का गठन किया जाएगा। ओर उस आधार पर मांगो पर विचार कर उसे पूरा किया जाएगा। इस कमेटी में एनएचएम के कर्मचारी भी शामिल होंगे।
गौरतलब है। एनएचएम कर्मचारी बीते 27 जनवरी से काले रिबन लगा कर विरोध स्वरूप काम कर रहे थे। 2 फरवरी को पूरी तरह काम ठप कर दिया गया ओर पेन डाउन हड़ताल शुरू की यह हड़ताल गुरुवार को भी जारी रही और इस दौरान दर्जनों मरीज बिना टेस्ट करवाए घर वापिस चले गए। एनएचएम कर्मचारी ने चेतावनी दी थी कि अगर उनकी माँगे नही मानी जाती तो अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।
गोरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में राज्य स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) के तहत 1996 से कुष्ठ रोग कार्यक्रम से शुरुआत हुई और सन 1998 से क्षय रोग कार्यक्रम के तहत कर्मचारियों की नियुक्तियां हुई और अब तक प्रदेश में विभिन कार्यक्रमों के तहत विभिन्न पदाें पर कर्मचारी नियुक्त हैं जिनको अपनी सेवाएं देते हुए लगभग 23 वर्ष हो गए हैं। इनमें से कई कर्मचारी सेवानिवृत भी हो चुके हैं व सेवाकाल के दौरान 4 कर्मचारियों की मृत्यु भी हो चुकी है जो कर्मचारी सेवानिवृत हुए इन कर्मचारियों को कोई ग्रेज्यूटी का लाभ भी नहीं दिया गया। सरकार 23 वर्षों से कोई भी स्थाई नीति नहीं बना पाई है।
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