,शिमला। हिमाचल सरकार और पंजाब सरकार द्वारा जारी वेतन मान की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप दी है
महासंघ ने मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के साथ बैठक की, जिसमे मुख्यसचिव हिमाचल सरकार विशेष रूप से उपस्थित रहे । बैठक में हिमाचल सरकार द्वारा और पंजाब सरकार द्वारा जारी वेतन मान की तुलनात्मक रिपोर्ट प्रेषित की, जिसमे दोनों राज्यों में दी जा रहे वेतन में हो रही विसंगतियों पर गहनता से चर्चा की ।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ चली एक घंटे की इस बैठक में शिक्षा बिभाग के कई विषयों पर चर्चा हुई, जिन्हें प्रदेश सरकार जल्द पूरा करने के लिए कार्य कर रही है।
प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने कहा
हिमाचल प्रदेश सरकार हमेशा से पंजाब सरकार द्वारा जारी वेतन आयोग का अनुसरण करता आया है। परन्तु इस वेतन आयोग की अधिसूचना जारी करने के बाद हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कर्मचारियों के वेतन में काफी अंतर आ गया है । इस सन्दर्भ में हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ 4 जनवरी को मुख्यसचिव और पांच जनवरी को प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्रियों और 6 जनवरी को आपसे से मिल कर अपना पक्ष रख चुका है और आपके दिशानिर्देश अनुसार पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार कर सरकार को प्रेषित कर रहे है।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में छठे वेतन आयोग की अधिसूचना को लागू करने का हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार का आभार व्यक्त करता है । जहाँ पूरा देश कोविड महामारी के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहा है वही हिमाचल प्रदेश भी इस आर्थिक मार से उभर नही पाया है। ऐसे में हिमाचल सरकार द्वारा प्रदेश के लाखो कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफ़ारिशो को लागू करना एक एतिहासिक निर्णय है, जिसका हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार का आभार व्यक्त करता है ।
मुख्य मांगे
1. पंजाब की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी 2.25,2.59 और 15 प्रतिशत की बढोतरी के साथ वेतन मान को लागू करे।
2. पशेष के कर्मचारियों को आप्शन चुनने की एक महीने की अवधि को बढ़ाया जाये ।
3. पंजाब में लागू वेतनमान को हिमाचल में यथावत लागू किया जाये। क्योकि हिमाचल प्रदेश सरकार पंजाब के वेतन आयोग को लागू करता है ।
4. प्रदेश में 1/1/2016 में नियुक्त सभी वर्ग के अध्यापको को पंजाब की तर्ज पर इनिसिअल स्केल दे, जिसमे जेबीटी को 33400(HP) के स्थान पर 37600(PUNJAB), सी एंड वी को 35600 की तुलना में 40100, टीजीटी और डीपीई को 38100 के स्थान पर 41600, प्रवक्ता को 43000 के स्थान पर 47000 दिया जाये ।
5. प्रदेश के कर्मचारी को भते पंजाब के आधार पर नही दिए जाते ,जिसकी वजय से हिमाचल प्रदेश का कर्मचारी पिछड़ता जा रहा है ।
6. प्रदेश में कंप्यूटर और एसएमसी अध्यापको का वर्ग ऐसा भी है जिनको पिछले 20 वर्ष और 10 वर्ष की सेवा के बाद भी 10 हजार के आस पास सेलेरी दी जाती है। जो इनका शोषण के सेवाए कुछ नही । हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार से आग्रह करता है कि इन शिक्षको के लिए निति बना कर इन्हें नियमित अध्यापक के बराबर सैलेरी देने का प्रावधान करे
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