सुदृढ हिमालय सुरक्षित इंडिया”को लेकर शिमला में जुटे वैज्ञानिक, जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियर के पिघलने के कारणों पर होगा मंथन, मुख्यमंत्री ने किया दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ।

 

शिमला:हिमाचल प्रदेश में जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियर के पिघलने से भूस्खलन और पहाड़ दरकने की घटनाएं हो रही हैं जिसके कारण हर वर्ष जानमाल का नुकसान हो रहा है।ग्लेशियर क्यों पिघल रहे हैं और जलवायु में परिवर्तन के क्या कारण है कैसे हिमालय में हो रहे इन परिवर्तनों को रोकना है इसको लेकर शिमला में GIZ के सहयोग से साइंस, पर्यावरण और प्रदौगिकी विभाग दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन करवा रहा है जिसमें हिमालय रेंज के वैज्ञानिक शिमला में मंथन करेंगे और आगामी रूपरेखा तैयार करेंगे।

सम्मेलन का शुभारंभ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया। जर्मन अम्बेसडर भी सम्मेलन में मुख्य रूप से शामिल हुए।इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सम्मेलन में जो भी सुझाव आएंगे सरकार उस ओर आगे बढ़ेगी।क्योंकि ग्लेशियर के पिघलने से सभी चीजों पर प्रभाव पड़ रहा है।

वंही सम्मेलन में पहुंचे जर्मन अम्बेडकर mr. walter j.linder और लदाख से स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट के फाउंडिंग डायरेक्टर सोनम वांगचुक ने भी जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियर के पिघलने के कारणों पर अपने सुझाव दिए और इस सम्मेलन काफी अहम करार दिया।

 

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