शिमला। हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने की आढ़ में फर्जीबाड़ा चल रहा है। राज्य भर में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों
के लिए हिमाचल कंसल्टेंसी ऑर्गनाइजेशन (हिमकॉन) द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों में वित्तीय गबन और सरकारी धन के हेरफेर का मामला सामने आया है। विजिलेंस ब्यूरो ने इस फर्जीबाढ़े का खुलासा किया है। मामले के अनुसार हिमकॉन ने कुल्लू के निरमंड, मंडी के करसोग व पधर और शिमला के नेरवा में वर्ष 2013 से 2014 तक फल प्रसंस्करण प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर सात लाख रूपये खर्च किए थे। इन कार्यक्रमों के अंतर्गत
प्रत्येक प्रशिक्षण स्थल पर 25 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया था। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड ने सात लाख रूपये की राशि मंजूर की थी।हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि विजिलेंस पुलिस स्टेशन शिमला में धारा
420, 467, 468, 471 और 120 बी आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
हिमाचल में कौशल विकास प्रशिक्षण के नाम पर फर्जीबाढ़ा, विजिलेंस ने दर्ज की एफआईआर

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