शिमला।विश्वविद्यालय के अंदर हुए पीएचडी में प्रवेश को लेकर एसएफआई ने प्रशासन और प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । एसएफआई ने विश्वविद्यालय कैंपस के अंदर विशाल रैली का आयोजन किया और पिंक पेटल पर धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद एसएफआई के कार्यकर्ता 24 घण्टे की हड़ताल पर बैठ गए।
कैंपस अध्यक्ष विवेक राज ने विश्वविद्यालय में हुई हाल ही में पीएचडी भर्ती पर आपत्ति जताते हुए इसे अध्यादेश और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों की अवहेलना बताया। परिसर अध्यक्ष का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन मात्र अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह की धांधलियां पीएचडी के अंदर कर रहा है। विश्वविद्यालय में जो भी एडमिशन पीएचडी के अंदर हुई हैं यूजीसी और विश्वविद्यालय के ऑर्डिनेंस के नियमों को दरकिनार करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा अपने फायदे के लिए की गई है।
विश्वविद्यालय के अंदर कार्यकारी परिषद ईसी में तय किया गया की हाल ही में जिन प्रोफेसर की भर्तियां हुई है और जिन अध्यापकों की पीएचडी पूरी नहीं हुई है वो अध्यापक अपनी पीएचडी मैं एडमिशन बिना किसी एंट्रेंस एग्जाम के ले सकते हैं। उनके लिए ईसी के अंदर एक सुपरन्यूमैरेरी सीट का प्रस्ताव पास किया गया। उनका कहना था कि यदि इस तरह की सुपरन्यूमैरेरी सीट रख रहे हैं तो इसमें जितने भी प्राध्यापक कॉलेजों और विश्वविद्यालय के अंदर पढ़ाते हैं उन्हें समान अवसर का मौका मिलना चाहिए जोकि प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही दिया जाना था जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नहीं दिया गया क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रदेश की सरकार अपने चहेतों की भर्तियां पीएचडी के अंदर करवाना चाहती है और इस विश्वविद्यालय को एक विशेष विचारधारा का अड्डा बनाना चाहती है। एसएफआई ने सवाल उठाया की अगर एक छात्र पीएचडी में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा पास कर सकता है तो एक अध्यापक क्यों नहीं?
विवेक ने ने आरोप लगाया कि वाइस चांसलर ने कहीं ना कहीं अपने बेटे की फर्जी दाखिला पीएचई के अंदर प्रदेश सरकार के पूरी शय के तहत की है क्योंकि जब ईसी के द्वारा इस कोटे के तहत यह सीटें निकाली गई ना तो इन सीटों को विज्ञापित भी नही किया गया न ही प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया जोकि समान अवसर के अधिकार की भी छीनना है और यूजीसी की गाइडलाइंस की अवहेलना है।
इन सभी मांगों को लेकर एसएफआई ने 24 घंटे की हड़ताल का ऐलान किया और ये एसएफआई मांग करती है की उच्च न्यायलय शीघ्र अति शीघ्र इस पर स्वत संज्ञान ले और और जो दोषी अधिकारी इसमें शामिल है उन पर कड़ी कार्यवाही अमल मे लाई जाए,
अन्यथा एसएफआई भ्रष्ट अधिकारियों की एंट्री कैंपस के अंदर बैन करेगी और भूख हड़ताल के अंदर भी जाएगी ।
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